उत्तराखंड यूसीसी के प्रावधानों को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती, कपिल सिब्बल वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुए पेश

खबर उत्तराखंड

नैनीताल: उत्तराखंड में 27 जनवरी को लागू हुए यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) को चुनौती देने वाली कई याचिका नैनीताल हाईकोर्ट में दायर की गई है. नैनीताल हाईकोर्ट ने इन सभी याचिकाओं को दो दिन पूर्व दायर हुई याचिकाओं के साथ सम्बद्ध करते हुए सभी याचिकाओं को एक साथ 6 हफ्ते बाद सुनवाई करने का फैसला लिया है.

शुक्रवार को उत्तराखंड जमात ए उलेमा हिंद के अध्यक्ष मो मुकीम निवासी हल्द्वानी, सचिव तंजीम (हरिद्वार), सदस्य शोएब अहमद (मल्लीताल नैनीताल), मो.शाह नजर (देहरादून) और अब्दुल सत्तार (देहरादून) ने यूसीसी के कई प्रावधानों को चुनौती दी है.

इसी तरह एक अन्य रिट देहरादून के नईम अहमद, बिजनौर के हिजाब अहमद, देहरादून के जावेद अख्तर और आकिब कुरैशी ने दायर की है. इन याचिकाओं की सुनवाई के लिए शुक्रवार को मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हुए थे. लेकिन कोर्ट ने इन याचिकाओं की सुनवाई की तिथि एक अप्रैल निर्धारित कर दी.

बता दें कि यूसीसी के कुछ प्रावधानों को अधिवक्ता आरुषि गुप्ता ने जनहित याचिका के जरिये चुनौती दी है. जबकि दो दिन पूर्व भीमताल निवासी सुरेश सिंह नेगी ने भी य सीसी में लिव इन रिलेशनशिप के प्रावधानों को जनहित याचिका के जरिये चुनौती दी थी. इसके अलावा देहरादून के एलमसुद्दीन व अन्य ने रिट याचिका दायर कर यूसीसी को चुनौती दी है. इन याचिकाओं में हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया है और 6 सप्ताह में जवाब मांगा है. अब यूसीसी से जुड़ी तमाम याचिकाओं पर एक अप्रैल को सुनवाई होगी.

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