उत्तराखंड : PWD के इस मामले पर देवता करेंगे न्याय! कर्मियों को ‘दो मुट्ठी चावल’ से जुड़ा ये पत्र वायरल

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देहरादून: सरकारी तंत्र में किसी भी प्रकरण को सुलझाने की अपनी एक प्रक्रिया है और इसी प्रक्रिया के जरिए न्याय की भी उम्मीद की जाती है, लेकिन लोक निर्माण विभाग से जुड़ा एक पत्र सामने आया है जिसमें न्याय पाने के एक दैवीय सहारा लेने की बात कही गई है.

मामला लोहाघाट अधिशासी अभियंता के कार्यालय का है, जहां अपर सहायक अभियंता की सेवा पुस्तिका गायब हुई तो कार्यरत कर्मचारी अपने अनोखे सुझाव लेकर अधिशासी अभियंता के पास पहुंच गए. इसके बाद एक पत्र सामने आया जिसने सभी को हैरान कर दिया है.

दरअसल, लोक निर्माण विभाग के लोहाघाट स्थित अधिशासी अभियंता कार्यालय से जुड़ा एक ऐसा पत्र वायरल हो रहा है जो हर किसी को हैरान कर रहा है. हैरानी इसलिए क्योंकि इसमें एक इंजीनियर को न्याय दिलाने के लिए एक अनोखे तरीके का जिक्र किया गया है. इसमें अपर सहायक अभियंता की सेवा पुस्तिका के गायब होने पर न्याय के लिए दैवीय आस्था का सहारा लेने की बात कही गई है.

लोक निर्माण विभाग लोहाघाट के लेटर हेड पर लिखे गए इस कार्यालय आदेश की पुष्टि करने के लिए संबंधित अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार से बात की. अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके कार्यालय में कार्यरत अपर सहायक अभियंता जयप्रकाश की सेवा पुस्तिका कार्यालय से गायब है.

उन्होंने द्वारा पूछे गए सवाल पर यह भी कहा कि कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा उन्हें सेवा पुस्तिका के गायब होने के बाद इसके लिए कुछ प्रस्ताव भी दिए थे, यानी कर्मचारी चाहते थे कि सेवा पुस्तिका खो जाने के बाद इसका हल दैवीय आस्था के जरिए निकाला जाए.

इस मामले में अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार कहते हैं कि उनको कई तरह के प्रस्ताव मिले थे लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा कि वो इस मामले की जांच करवाएंगे ताकि कर्मचारी की सेवा पुस्तिका मिल सके. अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार ने साफ किया है कि उन्होंने आदेश जारी नहीं किया है.

वैसे अधिशासी अभियंता लोहाघाट के कार्यालय के नाम से जो कार्यालय आदेश वायरल हो रहा है उसमें लिखा गया है कि अपर सहायक अभियंता जयप्रकाश की सेवा पुस्तिका गायब होने के बाद सभी कर्मचारियों को अपने घर से दो मुट्ठी चावल मांगकर मंदिर में डालना है, ताकि इस पर देवता न्याय कर सकें. यही नहीं, इसमें सभी कर्मचारियों को 17 मई को कार्यालय में उपस्थित होकर दो मुट्ठी चावल जमा करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

हालांकि, अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार ने तो साफ कर दिया है कि वायरल पत्र में उनके साइन नहीं हैं. अब जांच के बाद ही ये स्थिति साफ हो पाएगी कि ये पत्र कैसे वायरल हुआ, इसमें अधिशासी अभियंता के हस्ताक्षर कैसे आए और सबसे बड़ी बात ये कि कार्यालय से कर्मचारी की सेवा पुस्तिका गायब कैसे हो गई?

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