उत्तराखंड: UKSSSC पेपर लीक केस: रिटायर्ड जज की निगरानी में होगी SIT जांच, अभी रिजल्ट भी नहीं होगा घोषित

खबर उत्तराखंड

देहरादून: यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) पेपर लीक मामले में उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाने की घोषणा की है. एसआईटी को एक महीने के अंदर अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी. जांच पूरी होने तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा. उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने इसकी पुष्टि की है.

उन्होंने कहा कि हम इस पूरी घटना से बहुत कुछ सीख रहे हैं और अगर कहीं पर कुछ कमी रही है तो उसे सही किया जाएगा. क्योंकि राज्य सरकार यह नहीं चाहती कि युवाओं के साथ किसी तरह का धोखा हो. जिन लोगों ने भी यह षडयंत्र किया है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सरकार ने लोगों से अपील की है कि अगर ऐसे किसी भी मामले की जानकारी किसी भी व्यक्ति के पास है तो वह राज्य सरकार, शासन और पुलिस से जानकारी साझा कर सकता है.

स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम:

  • अध्यक्ष- जया बलूनी, पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, देहरादून
  • सदस्य- अंकित कंडारी, क्षेत्राधिकारी, देहरादून
  • सदस्य- लक्ष्मण सिंह नेगी, निरीक्षक, स्थानीय अभिसूचना इकाई, देहरादून
  • सदस्य- गिरीश नेगी, उप निरीक्षक / थानाध्यक्ष, रायपुर, देहरादून
  • सदस्य- श्री राजेश ध्यानी, उप निरीक्षक, साईबर पुलिस स्टेशन, देहरादून

इस दल द्वारा मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी, और एक माह के भीतर इसकी रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी। शासन इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगा. बीते रविवार (21 सितंबर) को UKSSSC ने स्नातक स्तरीय पदों की लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी. प्रदेश भर के 445 केंद्रों पर सुबह 11 बजे परीक्षा एक साथ शुरू हुई थी, लेकिन परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही प्रश्न पत्रों से जुड़े कुछ स्क्रीनशॉट्स सामने आए थे. इसके बाद ही उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने पेपर लीक होने के आरोप लगाए थे. इस घटना के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया था. इन सबके बाद UKSSSC की तरफ से देहरादून एसएसपी अजय सिंह को एक प्रार्थना पत्र दिया गया.

21 सितंबर देर रात ही देहरादून एसएसपी अजय सिंह और यूकेएसएसएससी अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने संयुक्त रूप से एक प्रेस वार्ता की थी. इस दौरान यूकेएसएसएससी अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने कहा था कि जैमर लगने के बावजूद परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र कैसे बाहर आए? ये हैरान करने वाला है. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि पेपर लीक नहीं हुआ, सिर्फ प्रश्न पत्र के तीन पन्ने बाहर आए.

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो खालिद नाम के व्यक्ति का नाम सामने आया, जिसे पुलिस ने बीते रोज (23 सितंबर) हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने खालिद की बहनों को भी हिरासत में लिया है. हालांकि बाद में एक को छोड़ दिया था. वहीं दूसरी बहन साबिया का गिरफ्तार कर लिया था. जांच में सामने आया कि पेपर आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज बहादरपुर जट हरिद्वार से लीक हुआ था. इस सेंटर पर खालिद भी एग्जाम देने गया था.

जांच में ये सामने आया कि जिस केंद्र में खालिद परीक्षा दे रहा था, उस केंद्र में कुल 18 कमरे थे. केंद्र में परीक्षा के लिए कुल 15 जैमर लगे थे, लेकिन कमरा नंबर 9, 17 और 18 में जैमर नहीं लगे हुए थे. इन्हीं में से एक कमरा नंबर 9 में खालिद परीक्षा दे रहा था. इसी कमरे से बैठकर खालिद ने किसी डिवाइस से परीक्षा के तीन पेज अपनी बहन साबिया को भेजे थे और साबिया ने प्रोफेसर सुमन चौहान को भेजे थे.

वर्तमान समय में खालिद और उसकी दोनों बहनें पुलिस की गिरफ्त में हैं. हालांकि, खालिद का मोबाइल गायब है. पुलिस ने बताया था कि इस मामले के बाहर आने के बाद खालिद लखनऊ भाग गया था. हालांकि, वहीं से लौटते समय पुलिस ने उसे हरिद्वार से गिरफ्तार किया है. फिलहाल पुलिस को खालिद के मोबाइल की तलाश है, जो उसने कहीं गुम कर दिया है. पुलिस को उम्मीद है कि खालिद के मोबाइल से कई राज खुल सकते हैं.

बता दें कि, यूकेएसएसएससी पेपर से ठीक पहले 20 सितंबर शनिवार की रात को पुलिस ने नकल माफिया हाकम सिंह और उसके साथी को भी गिरफ्तार किया था. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने कुछ अभ्यार्थियों को एग्माज में पास कराने का झांसा दिया था और इसी आधार पर आरोपियों ने उसे 15-15 लाख रुपए मांगे थे.

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