कांग्रेस का आरोप, देवभूमि में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहा अपराध, पार्टी ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में पार्टी के पांच सदस्य दल ने राज्यपाल गुरमीत सिंह से मुलाकात की. इस दौरान ज्योति रौतेला की तरफ से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी दिया गया. ज्ञापन के जरिए प्रदेश में बढ़ते महिला अपराधों से संबंधित विभिन्न मामलों को राज्यपाल के सामने उठाया गया.

महिला कांग्रेस ने राज्यपाल से मुलाकात करते हुए प्रदेश में नाबालिग बच्चियों और महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसक घटनाओं पर रोक लगाने की मांग भी उठाई. महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला की ओर से राज्यपाल को सौपें गए ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले तीन सालों में महिलाओं के साथ दुष्कर्म की 1822 घटनाएं घटित हो चुकी है. इसके अलावा 318 अज्ञात महिलाओं के शव मिले हैं, जिनमें से केवल 87 की ही शिनाख्त हो पाई है. अकेले उत्तराखंड में पिछले 5 सालों में 10500 महिलाएं लापता हुई, इनमें से 767 महिलाएं अभी भी लापता है.

ज्योति रौतेला का कहना है कि राज्य में साल दर साल महिला अपराध की घटनाओं में वृद्धि हो रही है और तीन साल में राज्य भर के भीतर विभिन्न पुलिस थानों में महिला अपराध के 103947 मुकदमे दर्ज हुए हैं. इन तीन वर्षों के दौरान राज्य में हत्या, मासूमों से बलात्कार और महिलाओं से संबंधित जघन्य अपराधों की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है. प्रदेश में लगातार घट रही इन घटनाओं से महिला सम्मान के साथ-साथ राज्य की अस्मिता पर भी चोट पहुंच रही है, इन घटनाओं से देवभूमि उत्तराखंड का गौरव भी कलंकित हो रहा है.

ज्योति रौतेला का कहना है कि उत्तराखंड राज्य में औसतन हर महीने एक बलात्कार और हत्या की घटना घट रही है, जिससे राज्य में भय का वातावरण व्याप्त है और आमजन विशेष कर महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हरिद्वार में 13 वर्षीय नाबालिग बेटी से सामूहिक दुष्कर्म करने का मामले में बीजेपी के पूर्व नेता का नाम सामने आया था. आरोपी महिला जेल में बंद है, लेकिन महिला से जेल से फोन पर बात करने का ऑडियो वायरल हुआ है. इस घटना से ऐसा लग रहा है कि जेल में बंद महिला को सभी सुख सुविधा मुहैया कराई जा रही है. इससे प्रदेश की न्याय व्यवस्था और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

महिला कांग्रेस ने बीते 3 सालों में हुए महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के साथ हुई अपराध की विभिन्न घटनाओं को राज्यपाल के समक्ष उठाया,़ और आग्रह किया कि उत्तराखंड राज्य में महिलाओं और बाल अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए विशेष आयोग या उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया जाए.

इसके अलावा उत्तराखंड महिला आयोग और बाल आयोग को तुरंत भंग किया जाए. इन आयोगों की स्वतंत्रता, सक्रियता और जवाबदेही तय करते हुए इन आयोगों का पुनर्गठन किया जाए. महिलाओं से संबंधित अपराधों के मामले में चुप्पी साधने पर महिला एवं बाल विकास मंत्री समेत सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों से जवाब तलब किया जाए. इस दौरान महिला कांग्रेस ने महिला अपराधों के गंभीर मामलों में सीबीआई और एसआईटी जांच की भी सिफारिश किए जाने का मामला भी राज्यपाल के समक्ष उठाया है.

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