कारगिल विजय दिवस, राज्यपाल गुरमीत सिंह ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, परिजनों को किया सम्मानित

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसएम ने देहरादून के शौर्य स्थल चीड़बाग में उत्तराखंड सब एरिया द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में वीरगति प्राप्त सैनिकों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की. यह समारोह 26वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया था.

कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है, जो 1999 के कारगिल युद्ध (ऑपरेशन विजय) में भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और ऐतिहासिक विजय को स्मरण करने का अवसर है. यह दिन उन जांबाजों को समर्पित है जिन्होंने राष्ट्र की अखंडता की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए. इस अवसर पर मेजर जनरल एमपीएस गिल, वीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, उत्तराखंड सब एरिया, रियर एडमिरल पियूष पॉसी, जॉइंट चीफ हाइड्रोग्राफर, एनएचओ देहरादून, ब्रिगेडियर आरएस थापा, स्टेशन कमांडर, गढ़ी कैंट देहरादून सहित तीनों सेनाओं के पूर्व सैनिकों, कैप्टन याशिका हटवाल त्यागी (से. नि.), वीर नारियां, उनके परिवारजन, नौसेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी, जेसीओ और देहरादून स्टेशन के सैन्य कर्मी उपस्थित रहे.

समारोह की शुरुआत मार्च पास्ट से हुई, जिसमें केंद्रीय विद्यालय, आर्मी पब्लिक स्कूल और एनसीसी कैडेट्स के 120 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया. इस भागीदारी ने राष्ट्र सेवा के प्रति युवाओं की प्रतिबद्धता को दर्शाया. अपने संबोधन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) गुरमीत सिंह ने कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों की वीरता, अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान का स्मरण करते हुए कहा कि, राष्ट्र सदैव वीर नारियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के साथ खड़ा है. उन्होंने उपस्थित जनसमूह से आह्वान किया कि वे इन वीर सैनिकों से प्रेरणा लेकर देश सेवा और राष्ट्रीय गौरव की रक्षा में अपना योगदान दें.

कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ के इस कार्यक्रम का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि हम सभी कारगिल के वीरों की तरह साहस और समर्पण की भावना को आत्मसात कर राष्ट्र के मूल्यों और सम्मान की रक्षा करेंगे.

उत्तराखंड सब एरिया और भारतीय सेना की विभिन्न इकाइयों द्वारा राज्यभर में कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. जिनका उद्देश्य देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करना और शहीदों के अद्वितीय बलिदान को सम्मानित करना है.

वहीं शहीदों की वीरांगनाओं और परिजनों ने इस मौके पर कहा कि सरकार और प्रशासन हमेशा ही मौके पर सम्मानित करती है. इससे गर्व भी महसूस होता है. लेकिन कुछ बातों का मलाल भी रहता है, जैसे जमीन को लेकर किया वादा आज तक पूरा नहीं हुआ.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *