कैलाश मानसरोवर 2025 के लिए 5 साल का लंबा इंतजार खत्म, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से जल्द शुरू होगी यात्रा

खबर उत्तराखंड

देहरादून: कैलाश मानसरोवर का पांच साल का लंबा इतंजार अब खत्म होने वाला है। कोविड 19 के कारण वर्ष 2020 से संचालित नहीं हो पाई कैलाश मानसरोवर यात्रा इस वर्ष 30 जून से शुरू होगी। केएमवीएन की ओर से इस यात्रा का संचालन होगा।

यह यात्रा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के लिपुलेख पास मार्ग से संचालित होगी। यात्रा में 50-50 व्यक्तियों के कुल पांच दलों को शामिल किया जाएगा। कैलाश मानसरोवर यात्रा इस बार जुलाई से शुरू होगी।

सोमवार को दिल्ली में हुई विदेश मंत्रालय, कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन), सिक्किम टूरिज्म और चीन के अधिकारियों की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में निगम के अधिकारियों ने जून तक सभी तैयारियां पूरी करने की बात कही है।

बैठक में भारतीय सेना, आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी मौजूद रहे।केएमवीएन के अधिकारियों के अनुसार, बैठक में चीन के अधिकारियों की ओर से यात्रा को जून के बजाए जुलाई से शुरू कराने पर सहमति जताई गई। इस बार यात्रा मार्ग पर यात्रियों के ठहरने के लिए विशेष इंतजाम किए जाने हैं।

निगम का फोकस यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने पर है। दिल्ली से आने वाले यात्रियों के लिए टनकपुर, धारचूला और नाभीढांग में ठहरने की विशेष व्यवस्थाएं की जाएंगी। हर उम्र के लोगों के लिए अलग-अलग डाइट प्लान तैयार किया जाएगा।

विशेषज्ञों की मदद से ऐसा आहार तय किया जाएगा, जो यात्रा के दौरान ऊर्जा देने वाला और पचने में आसान होगा। वहीं यात्रा के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यात्रियों को परेशानी नहीं हो इसका भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।

केएमवीएन एमडी विनीत तोमर कहते हैं कि कैलाश मानसरोवर यात्रा जुलाई से होगी। हर वर्ग के यात्रियों के अनुसार भोजन और रहन-सहन की व्यवस्था करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यात्रियों के ठहरने के लिए केएमवीएन के अतिथि विश्राम गृह में इंतजाम होंगे।

तैयारियों की निगरानी खुद करेगा निगम

कुमाऊं मंडल विकास निगम अधिकारियों की टीम जून तक यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लेगी। जिन स्थानों पर सुविधाएं दुरुस्त की जानी हैं, वहां तेजी से कार्य शुरू किया जाएगा।

डाइट प्लान में कुमाउनी और स्थानीय भोजन

यात्रा के दौरान बुजुर्गों, युवाओं और महिलाओं की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए खास डाइट तैयार की जाएगी। निगम, विशेषज्ञों से सलाह लेकर ऊंचाई पर यात्रियों के लिए कुमाउनी और सीमावर्ती क्षेत्र में बनने वाले स्थानीय भोज्य पदार्थों को परोसने की व्यवस्था करेगा।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *