कोरी साबित हुई पूर्व की घोषणाएं, नीतियों पर भी हल्ला बोल, उत्तराखंड सरकार के 3 साल पर कांग्रेस हमलावर

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड में धामी सरकार 2.o को 3 साल पूरे हो चुके हैं. आज ही के दिन साल 2022 में उत्तराखंड में दूसरी बार धामी सरकार ने शपथ ली थी. सरकार के 3 साल पूरे होने पर प्रदेश भर में जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. सीएम धामी भी जगह-जगह अपनी सरकार के कार्यकाल की घोषणाओं और योजनाओं का बखान कर रहे हैं.

देहरादून में सीएम धामी ने कार्यक्रम के दौरान 3 साल में किए गए ऐतिहासिक विकास कार्यों को जनता के सम्मुख रखा. उसके साथ ही उन्होंने अपने 3 साल के कार्यक्रम के दौरान तीन बड़ी घोषणाएं भी की. इसमें पहली घोषणा प्रतियोगी परीक्षा के मेधावी छात्रों को आर्थिक सहायता के लिए मंच प्रदान किया जाएगा. दूसरी घोषणा उपनल और संविदा कर्मियों को सरकारी विभागों में खाली पदों पर नियमित किए जाने की ठोस नीति बनाने की घोषणा. जबकि तीसरी घोषणा स्थानीय ठेकेदारों को सरकारी कामों में 10 करोड़ तक के ठेके दिए जाएंगे.

वहीं सीएम धामी की घोषणाओं पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि, यह सिर्फ घोषणाएं भर है. लेकिन जब यह घोषणाएं धरातल पर उतरेगी तब हकीकत का पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने इन्वेस्टर समिट में भी बड़े-बड़े दावे किए थे. लेकिन धरातल पर इन्वेस्टर समिट के नाम पर जीरो निकला. माहरा ने सवाल उठाया कि धामी सरकार बीते 3 सालों में नीति नहीं बना पाई तो फिर इन अगले डेढ़ सालों में कैसे नीति बना पाएगी. अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि नौजवानों, स्नातक छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा और रोजगार कौशल के लिए कितना अनटाइड फंड दिया जाएगा.

उन्होंने स्थानीय ठेकेदारों को 10 करोड़ रुपए तक का काम दिए जाने की घोषणा पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह स्वागत योग्य कदम होगा. उन्हें लगता है कि पूर्व में की गई घोषणाओं की तरह यह घोषणा भी कोरी साबित होगी. माहरा ने कहा इससे पहले भी स्मार्ट सिटी, 2 करोड़ रोजगार, बुलेट ट्रेन जैसे कई सपने भाजपा ने दिखाए थे. उसी तरह भाजपा के सांसदों ने जो गांव गोद लिए थे. उन गांवों की सूरत अब तक नहीं बदली. G20 समिट में करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए. लेकिन दीवारों को रंगने के सिवाय कुछ नहीं हुआ. किसी भी गांव की स्थिति नहीं बदली. जी 20 सम्मेलन में आए मेहमानों को जिस गांव में ले जाया गया. केवल उस गांव में थोड़ा बहुत काम किया गया था. जी 20 सम्मेलन में जब कुछ नहीं हुआ तो इन कोरी घोषणाओं से क्या होने वाला है.

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