नैनीताल में हुए घटनाक्रम के बाद गनर बदलने पर भड़के कांग्रेस विधायक सुमित, पुलिस कप्तान पर लगाया जासूसी कराने का आरोप

खबर उत्तराखंड

हल्द्वानी: नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में हुए बवाल के बाद से ही हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश का सरकार के ऊपर हमलावर रुख है. कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने अपना गनर भी लौटा दिया है. विधायक सुमित हृदयेश का आरोप है कि उनकी जासूसी कराने के लिए नैनीताल पुलिस कप्तान ने नया गनर भेजा था, जिसे वो नहीं रखेंगे. इसलिए उन्होंने अपना गनर लौटा दिया.

बता दें कि, 14 अगस्त को जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान शुरू हुए बवाल के बाद पुलिस ने कांग्रेस विधायक सुमित का गनर बदल दिया था. इसके बाद उन्हें दूसरा गनर दिया गया था, जिसे कांग्रेस विधायक सुमित ने लौटा दिया है और सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया है. विधायक सुमित का आरोप है कि पुलिस कप्तान उनकी जासूसी करना चाहते हैं, इसलिए उनका गनर बदला गया है.

नैनीताल एसएसपी पर राजनीतिक कप्तान होने का लगाया आरोप: विधायक सुमित हृदयेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने साबित कर दिया है कि वो राजनीतिक कप्तान हैं, जो सत्ताधारी पार्टी की द्वेष भावना से उनके ऊपर काम कर रहे हैं. उन्हे पहले गनर को लेकर कोई शिकायत नहीं थी. फिर भी उस गनर को हटा दिया गया.

जानबूझकर हटाया गया गनर: विधायक सुमित का आरोप है कि जानबूझकर उनका गनर हटाया गया है, ताकि एलआईयू उनकी गाड़ी में बैठ जाए और उनकी सारी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. इसलिए उन्होंने उनकी सुरक्षा उन्हीं के हवाले कर दी है.

मेरे पर जरा सी भी आंच आई, मेरे साथ कुछ भी होता है, रोड एक्सीडेंट हो जाए तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार, नैनीताल पुलिस और इस कप्तान साहब की है. इन्होंने द्वेष भावना से कार्य किया है.
सुमित हृदयेश, कांग्रेस विधायक, हल्द्वानी –

हिम्मत है तो हाईकोर्ट के जज का गनर बदलकर दिखाएं: सुमित हृदयेश ने कहा कि नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कप्तान को जमकर लताड़ लगाई थी. कोर्ट में कप्तान की बोलती बंद हो गई थी. अगर कप्तान में इतनी हिम्मत है तो वो हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का भी गनर बदलकर दिखाएं.

पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए: सुमित हृदयेश ने कहा कि कप्तान उन्हें आईना दिखाने का काम करते हैं जबकि गलत काम पहले वो खुद करते हैं. जिला पंचायत सदस्यों का किडनैप, कांग्रेस विधायकों और नेता प्रतिपक्ष के साथ मारपीट भी पुलिस की निगरानी में ही होती है. फिर भी कप्तान तेवर दिखा रहे हैं. हृदयेश ने साफ किया है कि उन्हें पुलिस की सुरक्षा नहीं चाहिए. उन्हें पुलिस की नीयत भी साफ नहीं लग रही है.

वहीं, कुछ इस तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि नैनीताल बवाल के दिन गनर विधायक सुमित हृदयेश की सुरक्षा नहीं कर पाया. इस पर सुमित हृदयेश ने कहा कि उनके गनर ने उनकी पूरी सुरक्षा की है.

उस गनर में मुझे भरपूर बचाया है और वो मेरे घर के सदस्य, परिवार की तरह रहता है और मुझे भी उस पर पूरा भरोसा है. यदि मेरी सुरक्षा उस गनर के हाथों में है, तभी मुझे भरोसा है. किसी और गनर पर मुझे बिल्कुल भी भरोसा नहीं है. मेरे साथ अगर कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी नैनीताल पुलिस, कप्तान और राज्य सरकार की होगी.
सुमित हृदयेश, कांग्रेस विधायक, हल्द्वानी –

विधायक ने सुरक्षा लौटाई: विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि पुलिस ने उनके लिए दूसरा गनर भेजा था, जिसे उन्होंने बाहर भेज दिया है. क्योंकि वो एजेंट बनकर आया है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष यशपाल का गनर भी बदला गया है, इस सवाल पर सुमित हृदयेश ने कहा कि यशपाल आर्य का गनर सस्पेंड किया है, वो भी खानापूर्ति के लिए. सीओ को हटाया जा रहा है. एसओ पर कार्रवाई हो रही है. अगर हटना ही है तो नैनीताल के कप्तान को हटाओ, जिसके लिए हाईकोर्ट ने भी बोला है. सुमित हृदयेश ने साफ किया है कि अब वो नैनीताल कप्तान को हटाने के लिए विरोध प्रदर्शन करेंगे.

: वहीं, कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के लगाए आरोपों पर नैनीताल एसएसपी प्रहृाद नारायण मीणा  का कहना है कि अभी वो इस मामले को दिखा रहे हैं. उनके पास पूरी जानकारी नहीं है. हो सकता है रेगुलर प्रोसेस में गनर बदला गया हो. फिलहाल उन्होंने इस मामले को दिखाने की बात कही है.

बता दें कि, नैनीताल बवाल के बाद कांग्रेस के तमाम विधायक नैनीताल एसएसपी प्रहृाद नारायण मीणा और जिलाधिकारी वंदना सिंह को हटाने की मांग कर रहे थे. इसको लेकर कांग्रेसियों ने गैरसैंण विधानसभा सत्र में भी हंगामा किया था.

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