पीएम मोदी ने मन की बात में कहा, योग की भव्यता बढ़ती जा रही है

खबर उत्तराखंड

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने चर्चित रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 123वें एपिसोड में योग समेत कई विषयों पर प्रकाश डाला. उनके मन की बात को सुनने के लिए लोग एक महीने तक इंतजार करते हैं. देश दुनिया में इस कार्यक्रम को बहुत पसंद किया जाता है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर और देश की प्रगति में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है.

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने 21 जून को आयोजित विश्व योग दिवस का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि योग की भव्यता बढ़ती जा रही है. देश और दुनिया भर में लाखों लोगों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में हिस्सा लिया. इसकी शुरुआत 10 साल पहले हुई थी. इन 10 सालों में हर साल उनकी परंपरा पहले से कहीं अधिक बढ़ती गई. यह दर्शाता है कि अधिक से अधिक लोग योग को अपने जीवन में अपना रहे हैं.

इस बार योद दिवस की कितना ही आकर्षक तस्वीरें देखी हैं. विशाखात्तनम के समुद्र तट पर तीन लाख लोगों ने एक साथ योग किया. यहां से ही एक और अदभूत दृश्य सामने आया है. दो हजार से अधिक आदिवासी छात्रों ने 108 मिनट तक 108 सूर्य नमस्कार किए. सोचिए कितना अनुशासन, समर्पण रहा होगा.

नौसेना के जहाजों पर भी योद की भव्य झलक दिथी. तेलंगाना में तीन हजार दिव्यांग साथियों ने एक साथ योग किया. उन्होंने दिखाया कि योग किस तरह से सशक्तिकरण का माध्यम भा है. दिल्ली के लोगों ने योग को स्वच्छ यमुना के संकल्प से जोड़ा और यमुना तट पर जाकर योग किया. जम्मू-कश्मीर में चिनाब ब्रिज जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है वहां भी लोगों ने योग किया.

हिमालय की बर्फीली चोटियों और आईटीबीपी के जवानों ने भी योग किया. गुजरात के लोगों ने इतिहास रचा. वडनगर में 2121 लोगों ने एक साथ भुजंगासन किया और नया रिकॉर्ड बना दिया. न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो, पेरिस समेत दुनिया के हर बड़े शहरों में योग की तस्वीरें सामने आई. हर तस्वीरों में शांति, स्थिरता और संतुलन दिखा. इस बार की थीन भी बहुत विशेश थी. योगा फॉर वन अर्थ वन हेल्थ यानी ‘एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य’ ये केवल एक नारा नहीं है, ये एक दिशा है जो हमें वसुधैव कुटुंबकम का अहसास कराती है.

पीएम मोदी ने इससे पहले एपिसोड में आतंकवाद का जिक्र किया था. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताया था. इसके साथ ही उन्होंने शेरों के संरक्षण को लेकर उठाए गए कदमों और वन अधिकारी के रूप में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को भी उजागर किया था.

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