प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा, धामी मंत्रिमंडल में विस्तार की सुगबुगाहट तेज, इन नेताओं की लग सकती है लॉटरी

खबर उत्तराखंड

देहरादून: प्रेमचंद अग्रवाल के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई है. मंत्री पद के लिए सामने आ रहे नामों से कई विधायकों के चेहरे भी खिल उठ हैं. दूसरे प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे को भाजपा ने पार्टी की विचारधारा से जोड़ा है. जबकि कांग्रेस ने उनके इस्तीफे वाले कदम का स्वागत किया है.

विधानसभा में विवादास्पद बयान देने के करीब 22 दिन बाद आखिरकार प्रेमचंद अग्रवाल को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे पर जाने के बाद अब उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई है. प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे से पहले धामी कैबिनेट में चार मंत्री पद खाली चल रहे थे. अब उनके इस्तीफा के बाद अब रिक्त पदों की संख्या 5 हो गई है. जिस पर चर्चा है कि इस महीने के अंत में धामी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. जिसको लेकर ही दिल्ली में बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है.

गढ़वाल से तीन और कुमाऊं से दो विधायक हो सकते हैं कैबिनेट में शामिल

चर्चा इस बात की भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का केदारनाथ धाम से जिस तरह का लगाव है, उससे लगता है कि तीसरी बार केदारनाथ विधानसभा सीट से विधायक बनीं आशा नौटियाल को भी पार्टी मंत्री पद से नवाजा जा सकता है. वहीं उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल मंडल को बैलेंस बनाए रखने के लिए भी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है. संभावना जुटाई जा रही है कि गढ़वाल के तीन और कुमाऊं के दो विधायकों को मंत्री पद मिल सकता है. वहीं मंत्री पद मिलने को लेकर विधायकों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व और पार्टी संगठन जो जिम्मेदारी उन्हें देता है, उसे वह बखूबी निभाते हैं. अगर उन पर संगठन भरोसा करता है तो नई जिम्मेदारी के लिए भी वह तैयार हैं.

वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत का कहना है कि,

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद अब उत्तराखंड सरकार में 12 में से 5 सीटें खाली हो चुकी है. साथ ही कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद संसदीय कार्य मंत्री और वित्त मंत्री दोनों महत्वपूर्ण विभागों का पद खाली हो चुका है. फिलहाल अभी इन विभागों की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री को दी गई है. हालांकि, मुख्यमंत्री के पास पहले से ही कई विभागों की जिम्मेदारी है और अब मुख्यमंत्री का काम काफी ज्यादा बढ़ चुका है.

इनको मिल सकता है मौका

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि संसदीय कार्य मंत्री के रूप में मुन्ना सिंह चौहान का नाम आ सकता है. क्योंकि उन्हें संसदीय मामलों की अच्छी जानकारी है. वह संसदीय मामलों पर काफी पकड़ रखते हैं. वहीं इसके अलावा क्योंकि पहाड़, मैदान और कुमाऊं, गढ़वाल में बैलेंस बनाना है तो मैदान से प्रेमचंद अग्रवाल के जाने के बाद किसी मैदान के विधायक की लॉटरी भी खुल सकती है. जिसमें मदन कौशिक या फिर रुड़की से विधायक प्रदीप बत्रा का भी नाम आ सकता है. वहीं इसके अलावा देहरादून से राजपुर रोड विधानसभा से खजानदास, केदारनाथ सीट से आशा नौटियाल के नाम पर भी संगठन विचार कर सकता है.

प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे का विपक्ष ने किया स्वागत

वहीं भाजपा विधायकों ने प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे वाले कदम को पार्टी की विचारधारा बताया है. भाजपा विधायक खजान दास ने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के अनुशासन को ध्यान में रखते हुए अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंपा है. जबकि कांग्रेस ने प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे वाले निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि देर से ही सही लेकिन प्रदेश की जनता की भावनाओं को प्रेमचंद अग्रवाल ने समझा और अपना इस्तीफा दिया.

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