बर्ड फ्लू! तराई के जंगलों में मृत पाए गए पक्षी, लैब भेजे गए सैंपल, देहरादून में अन्य राज्यों से सप्लाई पर रोक 

खबर उत्तराखंड

हल्द्वानी: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. उत्तराखंड के तराई के जंगलों में बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है, जिससे अब जंगलों में पक्षियों के मौतों का मामला सामने आ रहा है. जंगल में पक्षियों की मौत के बाद वन विभाग पूरी तरह से अलर्ट है और पक्षियों के मौत पर निगरानी बनाए हुआ है. बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत, वन्यजीवों और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए चिंता का विषय है.

डीएफओ तराई पूर्वी वन प्रभाग हिमांशु बागरी ने बताया कि तराई क्षेत्र का जंगल अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है. इस बीच बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. उन्होंने बताया कि बीते दिनों गौला रेंज अंतर्गत बगुला प्रजाति के कुछ पक्षी मृत पाए गए हैं. इसके बाद वन विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मृत पक्षी के सैंपल को बरेली आईवीआरआई लैब भेजा है. जहां जांच रिपोर्ट के बाद ही पता चल सकेगा कि इन पक्षियों मौत बर्ड फ्लू या अन्य बीमारी से हुई है.

उन्होंने बताया कि जंगली पक्षियों में इस बीमारी का असर केवल पक्षियों के जीवन के लिए ही नहीं, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन के बिगड़ने का भी खतरा है. जंगल की पारिस्थितिक संतुलन न बिगड़े, इसे देखते हुए जंगलों के आसपास आबादी वाले क्षेत्रों की निगरानी बढ़ा दी गई है. जिससे कोई बाहरी व्यक्ति मुर्गी फार्म की मुर्गियां या किसी अन्य पक्षियों को लाकर जंगल में ना फेंके. इस तरह का कोई अपराध करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि पहला मामला जुलाई माह के अंतिम दिनों में सामने आया था, जिसमें गोला नदी में कुछ पश्चियन मरे हुए पाए गए थे. जबकि बीते सप्ताह भी कुछ बगुलों के मरने की सूचना पर वन विभाग ने सैंपलिंग की कार्रवाई की है.

बर्ड फ्लू क्या है: बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है, एक संक्रामक बीमारी है, जो पक्षियों को प्रभावित करती है. यह वायरस पक्षियों से पक्षियों में फैलता है और कभी-कभी मनुष्यों में भी फैल सकता है, जिससे इंसानों की जिंदगी को भी खतरा बढ़ जाता है.

देहरादून में मुर्गी और अंडों और मांस पर रोक: बर्ड फ्लू को लेकर देहरादून जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए डीएम ने अहम बैठक ली. जिसमें अन्य प्रदेशों से आने वाले मुर्गे, अंडे और मुर्गा मांस पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गई है. देहरादून जिले की प्रवेश सीमाओं पर पुलिस प्रशासन की पैनी नजर रहेगी और चेक पोस्ट लगाई जाएगी. साथ ही जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि देहरादून के सभी 170 पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों के रैंडम सैंपल लिए जाएं

पोल्ट्री फार्म से लिए जाएंगे सैंपल: उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद देहरादून जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. बर्ड फ्लू की रोकथाम को लेकर जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों की बैठक लेते हुए सतर्क रहने और समन्वित रूप से कार्रवाई करने के निर्देश दिए. जिलाधिकारी ने पशुपालन विभाग को निर्देशित किया कि एहतियात के तौर पर जनपद के सभी पोल्ट्री फार्म से 3 दिन के भीतर रैंडम सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाए. पोल्ट्री फार्म पर नियमित निगरानी रखी जाए और रैपिड रिस्पांस टीम को एक्टिव करें. वन विभाग को तालाब, झील एवं नदियों के आसपास रहने वाले पक्षियों पर नजर रखने और कोई पक्षी मृत या बीमार मिलने पर तत्काल इसकी जानकारी पशु चिकित्सा विभाग को देने को कहा गया है.

प्रतिबंध नहीं लगाया: हालांकि जिले के पोल्ट्री फार्म में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी मामला सामने न आने पर जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के पोल्ट्री पर फिलहाल कोई प्रतिबंध नहीं है. जिलाधिकारी ने सैनिक कल्याण अधिकारी को जनपद में स्थित आर्मी और पैरामिलिट्री फोर्स हेडक्वार्टर को भी इस संबंध सतर्क करने को कहा गया है.

जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि पुलिस विभाग को निर्देश दिए हैं कि यूपी से सटे जिले की सभी सीमाओं पर चेक पोस्ट लगा कर बाहर से आने वाले मुर्गे, मुर्गे का मांस और अंडे पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाई जाए. जिले में अनाधिकृत रूप से संचालित मीट की दुकानों को तत्काल सीज कराया जाए. सभी एसडीएम, पशु चिकित्साधिकारी और नगर निकायों को अपने-अपने क्षेत्र में पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन और मुर्गा मांस व्यापारियों के साथ बैठक कर जागरूक करने के निर्देश दिए हैं.

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