बाढ़ की भेंट चढ़ा धराली का ऐतिहासिक कल्प केदार मंदिर, महाभारत काल से जुड़ा था कनेक्शन

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तरकाशी जिला का धराली गांव आज सुर्खियों में हैं. धराली गांव में बादल फटने की वजह से काफी नुकसान हुआ है. यहां का बाजार पूरी तरह से खत्म हो गया है. कई घर होटल मलबे में दब गये हैं. कई लोगों के हताहत होने की सूचना भी आ रही है. धराली स्थित कल्प केदार मंदिर भी बाढ़ की भेंट चढ़ गया है.

बता दें धराली का कल्प केदार मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर भगवान शिव के पंच केदारों में से एक था. जिसके कारण इसका महता काफी अधिक थी. कल्प केदार मंदिर को केदारनाथ मंदिर से भी पुराना माना जाता है. इसका संबंध महाभारत काल से माना जाता है.

धराली का कल्प केदार मंदिर कत्यूर शिखर शैली का मंदिर है. इसका गर्भगृह प्रवेश द्वार से सात या आठ मीटर नीचे है. इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति है. गंगोत्री जाने वाले श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन करना नहीं भूलते थे.

गंगोत्री जाते समय रास्ते में धराली पड़ता है. चारधाम यात्रा के दौरान धाराली एक छोटे स्टे के रूप में काम करता है. यहां श्रद्धालु थोड़े समय के लिए रुकते हैं. गंगोत्री से पहले यहां रुक कर आराम किया जा सकता है. धराली गांव के आस पास के नजारे बहुत ही खूबसूरत हैं. धराली चारों ओर से जंगलों से घिरा हुआ है. यहां हरे भरे पेड़, बर्फ से ढ़की पहाड़ियां सबका न मोह लेती हैं. इसके साथ ही यहां का शानदार वातावरण हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है. जिसके कारण चारधाम यात्रा जाने वाले श्रद्धालु यहां रुकते हैं.

धराली से गंगोत्री मंदिर करीब 11 किमी दूर है. इसलिए यह गंगोत्री जाने वाले यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक पड़ाव है. जिसके कारण धराली चारधाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है. इसके साथ ही यहां का कल्प केदार मंदिर भी काफी फेमस है.

बता दें उत्तरकाशी जिले धराली में बादल फटने से तबाही की खबर है. बताया जा है कि खीरगाड़ में भीषण बाढ़ से 4 लोगों की मौत हुई. साथ ही इसमें कई लोगों के मलबे में दबने की आशंका है. मौके पर राहत बचाव कार्य के लिए जिला प्रशासन,सेना, SDRF, NDRF एवं अन्य संबंधित टीमें पहुंच चुकी है.

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