मालेगांव ब्लास्ट केस: सीएम धामी ने कांग्रेस को लिया आड़े हाथ, कहा मांफी मांगे

खबर उत्तराखंड

देहरादून: मालेगांव विस्फोट में एनआईए कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सातों आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. कोर्ट के फैसले के बाद राजनेताओं के साथ-साथ धर्मगुरुओं के भी बयान आ रहे हैं. योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि आज सच्चाई पूरी दुनिया के सामने आ गई है. हिंदू और भगवा आतंकवाद कहकर दहशत फैलाने वालों की साजिश विफल हो गई है. वहीं सीएम धामी ने कहा कि आज कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए.

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का भी इस मामले पर बयान आया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों का निर्दोष साबित होना कांग्रेस के हिंदू आतंकवाद के नैरेटिव पर करारा प्रहार है. कांग्रेस ने ‘भगवा आतंकवाद’ जैसे झूठे नैरेटिव से साधु-संतों, सनातन संस्कृति और राष्ट्रभक्तों को बदनाम किया, आज इस निर्णय ने उस पाप का पर्दाफाश किया है. कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए.

जानिए क्या था पूरा मामला: बता दें कि करीब 17 साल पहले 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में अंजुमन चौक और भीकू चौक इलाके में मस्जिद के पास रात को करीब 9.30 बजे बाइक में बांधकर विस्फोट किया गया था. इस विस्फोट में 6 लोगों की मौत हुई थी. वहीं कई लोग घायल हुए थे.

कोर्ट का फैसला: 31 जुलाई को इस मामले पर कोर्ट का अहम फैसला आया. कोर्ट ने इस ब्लास्ट केस में पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर, सुधांकर धर द्विवेदी (शंकराचार्य) और समीर कुलकर्णी समेत सभी सातों आरोपियों के जमानत बांड रद्द कर किए. साथ ही जमानतदारों को भी मुक्त कर दिया.

पीड़ितों को मुआवजा देने के आदेश दिए: इसके साथ ही कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को पीड़ितों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने अंतिम फैसले में यह भी कहा कि घायलों की संख्या 101 नहीं, बल्कि केवल 95 थी. कुछ चिकित्सा प्रमाण पत्रों में हेराफेरी की गई थी.

 

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