यहाँ बंदर बना हत्यारा; हमला करके महिला को छत से गिराया, मौके पर ही मौत

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आगरा: ताजनगरी में एक बार फिर उत्पाती और हमलावर बंदर ने इंसान की जान ले ली. बंदर के हमले से महिला दो मंजिला छत से गिर गई. सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. महिला का शव देखकर परिजनों की चीख निकल गई. हमलावर बंदर ने बेटियों के सिर से मां का साया छीन लिया.

स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में बंदरों का आतंक है. आए दिन किसी न किसी पर बंदर का झुंड हमला कर देता है. शिकायत के बाद भी समस्या जस की तस है. मामला सोमवार की दोपहर का है.

आगरा उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल के घर के पास चंदा वाली गली में महेंद्र सिंह का मकान है. महेंद्र सिंह की पत्नी चंद्रावती उर्फ चंदा अपने दो मंजिला मकान की छत पर कपड़े सुखा रही थी. तभी अचानक बंदरों का झुंड आ गया.

एक खूंखार बंदर ने चंद्रावती पर हमला कर दिया. चंद्रावती ने शोर मचाया और बंदर के हमले से बचने के प्रयास किया तो वो दो मंजिला छत से नीचे आ गिरीं.
जिससे चीख पुकार मच गई. आनन-फानन परिजन लहूलुहान हालत में चंद्रावती को पास के हॉस्पिटल पहुंचे. जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

बंदरों के हमले की घटनाएं

  • 2018 में रुनकता में मां की गोद से बंदर बच्चा छीन कर भागा था. जिसमें बच्चे की मौत हो गई थी.
  • 2019 में माईथान के हरीशंकर गोयल की मृत्यु भी बंदर के हमले से हुई थी.
  • 2020 में तीन व्यक्तियों की मौत बंदर के हमले में गिरने से हुई थी.
  • 2022 में चार मौतें बंदरों के हमले से हुई थीं.

चंद्रावती की चार बेटियां और एक पुत्र है. जिसमेंदो बेटियां अविवाहित हैं. बंदरों के हमले में चंद्रावती की मौत की खबर के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश है. गुस्साए लोग भैंरो बाजार में विधायक के घर के पास गली में लोग पहुंच गए.

पूर्व पार्षद मनोज सोनी ने बताया कि बंदरों को पकड़ने में नगर निगम लापरवाही बरत रहा है. पूर्व में भी कई महिलाओं की मौत बंदरों के हमले में हो चुकी है. बंदरों के आतंक से पुराने शहर में घर पिंजरे बन गए हैं.

शहर के बेलनगंज, भैंरो बाजार, रावतपाड़ा, दरेसी, छत्ता, मोतीगंज, हॉस्पिटल रोड, मोती कटरा, नूरी गेट, किनारी बाजार, घटिया आजम खां और यमुना किनारा रोड पर बंदरों का आतंक है. जिससे लोगों ने घरों पर जालियां लगवा लीं है. जिससे घर पिंजरे में बदल चुके हैं.

आगरा में बंदरों के आतंक को लेकर नगर निगम सदन में हंगामा हो चुका है. निगम के सदन में कई बार बंदरों का मुद्दा उठाया गया है. पार्षद रवि माथुर का कहना है कि कई बार बंदरों के खिलाफ अभियान चलाने की मांग हो चुकी है. शहर में कई मौतें भी हो चुकी हैं.

नगर निगम का अभियान और आंकड़े कागजी हैं. जबकि, नगर निगम का अभियान में अब तक 13181 बंदर पकड़ने और 6895 बंदरों की नसबंदी का आंकड़ा है. निगम के सदन में छह प्रस्ताव बंदरों के लिए लगाए गए थे.

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