‘ये मगरमच्छ के आंसू…’, कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी करने वाले मंत्री विजय शाह को SC ने जमकर सुनाया

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दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह को भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने उनकी माफी को ‘मगरमच्छ के आंसू’ करार देते हुए इसे कानूनी कार्यवाही से बचने का प्रयास बताया. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दिया.

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “आपकी टिप्पणियों के कारण पूरा देश शर्मसार है. हमने आपके वीडियो देखे, आपने बहुत गंदी भाषा का इस्तेमाल किया. आपको शर्मिंदगी महसूस होनी चाहिए. पूरे देश को हमारी सेना पर गर्व है और आपने ऐसा बयान दिया.”

अदालत ने उनकी माफी पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह किस तरह की माफी थी? आपको अपनी गलती स्पष्ट रूप से स्वीकार कर माफी मांगनी चाहिए थी, न कि ‘अगर-मगर’ के साथ. माफी मांगने का यह तरीका नहीं है. आपने जो भद्दी टिप्पणी की, उस पर आपको शर्मिंदगी महसूस होनी चाहिए.”

12 मई को शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 14 मई को इंदौर में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. FIR भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य), 196(1)(बी) (धर्म, जाति, भाषा या अन्य आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), और 197(1)(सी) (वैमनस्य या घृणा फैलाने वाली कार्रवाई) के तहत दर्ज की गई.

सुप्रीम कोर्ट में शाह का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह और विभा दत्त मखीजा ने किया. कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) को मंगलवार सुबह 10 बजे तक एक आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया, जिसमें एक महिला अधिकारी भी शामिल होगी.

SIT को 28 मई तक अपनी पहली जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि एक जनप्रतिनिधि के रूप में शाह को अपने शब्दों का चयन समझदारी से करना चाहिए था और एक उदाहरण पेश करना चाहिए था.

कड़ी आलोचना के बाद मंत्री विजय शाह ने कहा था कि वह कर्नल कुरैशी का अपनी बहन से ज्यादा सम्मान करते हैं और यदि उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो वह ’10 बार माफी’ मांगने को तैयार हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी माफी को अपर्याप्त माना और जांच को आगे बढ़ाने का आदेश दिया.

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