रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के अभी तक 15 लाख 85 हजार से ज्यादा भक्त दर्शन कर चुके हैं. हर रोज औसतन चार हजार के आसपास भक्त दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. हालांकि, पिछले साल की तुलना में यात्रियों की संख्या में कमी आई है. इस बार 23 अक्टूबर को भैया दूज के पर्व पर धाम के कपाट बंद होने हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि बचे हुए दिनों में धाम आने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी.
23 अक्टूबर को भैया दूज पर बंद होंगे केदारनाथ के कपाट: बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट दीपावली के दो दिन बाद भैया दूज के पावन पर्व पर 23 अक्टूबर को बंद होंगे. पिछले साल की यात्रा की तुलना में इस बार कपाट पहले बंद हो रहे हैं. जबकि, पिछले साल की तुलना में यात्री भी कम पहुंच रहे हैं. पिछले साल पूरे सीजन के दौरान 19 लाख के आस पास भक्तों ने बाबा केदार के दर्शन किए थे. जबकि, अभी तक 15 लाख 85 हजार से ज्यादा भक्त दर्शन कर चुके हैं.
करीब 25 दिन की यात्रा बाकी: आंकड़ों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि पिछले साल की यात्रा का रिकॉर्ड नहीं टूटेगा. केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने में करीब 25 दिन का समय शेष बचा हुआ है. ऐसे में यही उम्मीद की जा रही है कि इन 25 दिनों में एक लाख भक्त केदारनाथ धाम पहुंचेंगे. यदि बचे हुए दिनों में एक लाख भक्त पहुंचते हैं तो यात्रियों का आंकड़ा करीब 17 लाख हो जाएगा. हालांकि, जिस हिसाब से इन दिनों यात्री आ रहे हैं, उससे नहीं लगता है कि इस बार 17 लाख का आंकड़ा पार हो पाएगा.
हेली सेवाओं के लिए यात्रियों की कमी: वहीं, धीरे-धीरे गौरीकुंड से घोड़े-खच्चर, मजदूर आदि भी वापस लौटने शुरू हो गए हैं. धाम के लिए संचालित हो रही हेली सेवाओं के पास भी इन दिनों सवारियों की कमी है. सवारियों की कमी का कारण बढ़ा हुआ हेली किराया भी हो सकता है. फिलहाल स्थिति जो भी हो, यात्रा जिस तरह से चलनी चाहिए थी, उस तरह से नहीं चल रही है. गाड़ियों की भीड़ भी कम है. धाम पहुंच रहे यात्रियों को सुबह से शाम तक आसानी से बाबा केदार के दर्शन हो रहे हैं. दर्शनों के लिए यात्रियों को लाइन नहीं लगानी पड़ रही है.
केदारनाथ हाईवे की बदहाल स्थिति: भले ही मानसून सीजन निपट गया हो, लेकिन केदारनाथ हाईवे की बदहाल स्थिति नहीं सुधरी है. सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटरमार्ग तो सोनप्रयाग और मुनकटिया के पास अभी भी जानलेवा बना हुआ है. यहां पहाड़ी से बोल्डर गिरने का लगातार खतरा बना हुआ है. यात्रा सीजन में तो इन दो स्थानों पर बार-बार पहाड़ी से बोल्डर गिरने के कारण कई दिनों तक यात्रा को भी स्थगित करना पड़ा. जबकि, मुनकटिया में तो कई वाहन भी बोल्डरों की चपेट में आए. खासकर हाईवे रामपुर और डोलिया देवी के पास हाईवे का बुरा हाल है.
केदारनाथ हाईवे जगह-जगह से खस्ताहाल: फाटा के पास रामपुर में केदारनाथ हाईवे हर साल लगातार नीचे की ओर धंस रहा है. विभाग की ओर से यहां पर मानसूनी सीजन के बाद लाखों रुपए की लागत से हाईवे का ट्रीटमेंट किया जाता है, लेकिन फिर स्थिति जस की तस हो जाती है. इन दिनों रामपुर में हाईवे पर कई भारी वाहन भी फंस रहे हैं, जिन्हे धक्का मारकर या फिर जेसीबी के सहारे आर-पार करवाया जा रहा है.
डोलिया देवी के पास भी केदारनाथ हाईवे की बदहाल स्थिति है. कुछ समय पहले ही यहां पर हाईवे का डामरीकरण किया गया था, लेकिन मानसूनी सीजन में बोल्डर गिरने के कारण हाईवे का डामर उखड़ चुका है. हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं. यात्री और स्थानीय लोगों के वाहन हिचकोले खाकर आवाजाही कर रहे हैं.
केदारनाथ होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने कहा कि भले ही बरसाती सीजन खत्म हो गया हो, लेकिन हाईवे की स्थिति बदहाल है. कुंड से आगे केदारनाथ कई स्थानों पर डेंजर बना हुआ है. खासकर डोलिया देवी, रामपुर आदि स्थानों पर आवाजाही करना खतरनाक हो रहा है. उन्होंने कहा कि 25 दिन में यात्रा समाप्त हो जाएगी. ऐसे में अगली यात्रा शुरू होने से पहले एनएच को हाईवे को दुरूस्त करना चाहिए. ताकि, आगामी यात्रा सीजन में यात्रियों को दिक्कतें न हों.
