देहरादून: उत्तराखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने एकीकृत समर्थ पोर्टल की शुरुआत कर दी है. भारत सरकार के इस पोर्टल में प्रदेश के सभी छात्रों को पंजीकरण से लेकर सभी जरूरी जानकारियां एक ही मंच पर उपलब्ध हो सकेंगी. बड़ी बात यह है कि ऐसा करने वाला उत्तराखंड अब पहला राज्य हो गया है.
आज उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने एकीकृत समर्थ पोर्टल का शुभारंभ किया. इस पोर्टल के माध्यम से राज्य में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को तमाम जानकारियां एक ही पोर्टल में उपलब्ध हो जाएंगी. इसके अलावा यहां छात्र ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कर सकेंगे. खास बात यह है कि अपने सब्जेक्ट सिलेक्शन से लेकर कैंपस चॉइस तक के लिए भी इस पोर्टल के जरिए आवेदन किया जा सकेगा. समर्थ पोर्टल के शुभारंभ के साथ ही आज से उच्च शिक्षा के लिए छात्रों के पंजीकरण भी शुरू कर दिए गए हैं.
उच्च शिक्षा विभाग की कोशिश है कि छात्रों को सरल और त्वरित पंजीकृत व्यवस्था का लाभ दिया जाए. इस पोर्टल के माध्यम से छात्र मोबाइल के जरिए सरलता से आवेदन कर सकेंगे. साथ ही दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के छात्रों के लिए भी अब सुगम और सरलता से इस प्रक्रिया को अपनाया जा सकेगा. अभ्यर्थी पंजीकरण के जरिए अपनी पसंद के 10 महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा जल्द ही छात्रों को सुविधाएं देते हुए ई ग्रंथालय व्यवस्था भी लागू की जाएगी. जिसके जरिये छात्र 20 लाख किताबों को एक जगह पर एक साथ पढ़ सकेंगे.
भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक उच्च शिक्षा में 50% से अधिक दाखिले कराए जाएं, लेकिन, उत्तराखंड में इस लक्ष्य को 2025 तक पूरा करने का फैसला लिया गया है. फिलहाल प्रदेश में 46% से ज्यादा बच्चे इंटरमीडिएट के बाद उच्च शिक्षा में दाखिला ले रहे हैं. उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया राज्य में 25 मॉडल कॉलेज बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा जो छात्र विभिन्न संकाय में टॉप करेंगे ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति देने का भी काम किया जाएगा. इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.