देहरादून: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) के चेयरमैन पद से डॉ राकेश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है. राकेश कुमार में 22 दिसंबर 2021 को यूकेपीएससी के चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाली थी. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में राकेश कुमार का कार्यकाल छह वर्ष के लिए था, लेकिन मात्र डेढ़ साल बाद ही राकेश कुमार ने शनिवार को अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, राकेश कुमार ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने की बात कही है.
कई जिलों में संभाल चुके हैं जिम्मेदारी
आपको बता दें कि राकेश कुमार 1992 बैच के उत्तराखंड कैडर के आईएएस हैं, जो पौड़ी, नैनीताल और देहरादून के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं. इसके साथ ही उत्तराखंड में सचिव के रूप में शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और राजस्व समेत तमाम विभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम में रहे हैं सलाहकार
हालांकि, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने से पहले राकेश कुमार यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम में भारत के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे थे. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) में पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद सरकार द्वारा ग्रुप-सी के पदों को भरने की भी जिम्मेदारी उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को सौंपी गई थी. हालांकि, यूकेपीएससी में भी कुछ भर्ती परीक्षाओं में धांधली में मामले सामने आए थे, जिसके बाद से ही यूकेपीएससी भी सवालों के घेरे में आ गई थी. उस दौरान भी चेयरमैन पद पर काबिज राकेश कुमार के इस्तीफे की मांग उठी थी. जांच के दौरान कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. यही नहीं, वर्तमान समय में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से तमाम भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है. इसी बीच चेयरमैन राकेश कुमार में व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया है.
- डॉ राकेश कुमार की डेढ़ साल के कार्यकाल की मुख्य उपलब्धियां-पेपर लीक घटना के बीच पारदर्शी ढंग से 30 परीक्षाएं कराई.
- करीब 4 हजार अभियार्थियों का चयन किया.
- इंटरव्यू में कोडिंग व्यवस्था को लागू किया.
- केंद्रीय संस्थानों के 300 से ज्यादा एक्सपर्ट्स को राज्य में बुलाया.
- उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की व्यवस्था पटरी पर लाए.
- 110 डीपीसी (Departmental Promotion Committee) से सैकड़ों के प्रमोशन की राह खोली.
- राकेश कुमार ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में डबल लेयर वाली गोपनीय शाखा स्थापित की.
- पहली बार इंटेलिजेंस यूनिट स्थापित की.
- प्रतियोगियों के लिए शिकायत निवारण प्रणाली (ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम) को लेकर आए.