बदायूं: उत्तर प्रदेश के बदायूं में आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा कर स्वजन ने 15 वर्षीय किशोरी को 22 वर्षीय दर्शाकर सामूहिक विवाह योजना में शादी कराकर 35 हजार रुपये हड़प लिए। इस भेद पर पर्दा पड़ा रहता मगर दो माह के अंदर ही लड़की ने प्रेमी नन्हे से मंदिर में शादी कर न्यायालय में बयान दिया कि वह बालिग है। कोर्ट से आदेश होने पर दोनों साथ रहने लगे थे। अचानक भाई की शिकायत ने पूरे फर्जीवाड़े की परतें खोल दीं। नाबालिग से शादी करने वाले नन्हे को चार दिन पहले जेल हो गई। अब आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा करने वाले स्वजन पर कार्रवाई की तैयारी है। उनसे सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत लिए गए 35 हजार रुपये की वसूली भी होगी। स्वजन ने 24 मार्च को सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत उसकी शादी कराई थी। अगले ही दिन उसके खाते में आए 35 हजार रुपये निकलवा लिए थे। नौ मई को वह पति को छोड़ प्रेमी नन्हे के साथ चली गई।
19 मई को उसके स्वजन ने प्राथमिकी लिखाई कि नन्हे उनकी 16 वर्षीय बेटी का अपहरण कर ले गया है। पुलिस ने जांच शुरू की, मगर सामूहिक विवाह योजना में हुई शादी की जानकारी नहीं हुई। तीन दिन बाद लड़की व नन्हे को पकड़कर न्यायालय में पेश किया गया। वहां लड़की ने बयान दिया कि वह बालिग है, मगर अनपढ़ होने के कारण कोई शैक्षिक प्रमाणपत्र नहीं दे सकती, आधार कार्ड भी नहीं है। ऐसे में जिला अस्पताल में उसका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ।
इसमें 18 वर्ष छह माह उम्र का अनुमान बताया गया। इसी आधार पर कोर्ट ने उसे नन्हे के साथ जाने का आदेश दे दिया। इस पूरे घटनाक्रम में उसके स्वजन चुप्पी साधे रहे। उन्हें पता था कि लड़की का आधार कार्ड है, मगर वे उसमें हेराफेरी करा चुके थे, इसलिए मुंह नहीं खोला।
ऐसे हुआ आधार कार्ड फर्जीवाड़ा
लड़की के असली आधार कार्ड पर असली जन्म तिथि पांच अप्रैल, 2008 अंकित है। इसकी रंगीन फोटो स्टेट करा जन्मतिथि बदलकर एक जनवरी 2001 कर दी गई। आधार नंबर आदि पूर्ववत रहा। जांच में इसकी पुष्टि होने पर पुलिस ने खंड विकास अधिकारी रामसागर यादव को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विवाह योजना में गड़बड़ी के प्रमाण मिले हैं। जांच पूरी होने के बाद लड़की के स्वजन से रुपयों की वसूली होगी।