ऋषिकेश: मारपीट प्रकरण को लेकर चर्चा में आए सुरेंद्र सिंह नेगी ने आज परेड ग्राउंड में होने जा रही महापंचायत को स्थगित कर दिया है. उनका कहना है कि खुद के इंसाफ की मांग और पीड़ित लोगों की आवाज उठाने के लिए उन्होंने अपने साथियों के साथ महापंचायत 2 की तैयारी की थी, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी. प्रशासन की ओर से उन्हें जी-20 बैठक, यात्रा सीजन और पुलिस बल की अनुपलब्धता का हवाला दिया गया हैं.
प्रेमचंद अग्रवाल पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप
सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि 12 महापंचायत के आयोजकों को एसडीएम ऋषिकेश ने जानबूझकर मुकदमा दर्ज करते हुए एक एक लाख रुपये के बांड भरवाते हुए डराने का प्रयास किया है. उन्होंने ने कहा कि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद का दोबारा दुरुपयोग करते हुए महापंचायत 2 को कुचक्र के तहत रुकवा दिया है. प्रशासन और सरकार जनता और समाज को एकजुट नहीं होने देना चाहती है, ताकि अपना दबदबा जारी रख सकें.
जल्द होगा दूसरी तारीख का ऐलान
सुरेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि सर्व समाज को एकजुट करने और राजनीतिक व प्रशासनिक तानाशाही रवैया के खिलाफ यह महापंचायत करना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि आज होने जा रही महापंचायत को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया है, लेकिन दूसरी तिथि की घोषणा जल्द ही की जाएगी.
जानें पूरा मामला
दरअसल, बीती 2 मई को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और स्थानीय सुरेंद्र सिंह नेगी के बीच हुई मारपीट का एक नया वीडियो सामने आया था. वीडियो में नजर आ रहा था कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और उनके गनर सुरेंद्र नेगी को बुरी तरह से पीट रहे हैं. मारपीट प्रकरण के बाद सबसे पहले प्रेमचंद अग्रवाल ने ही सुरेंद्र नेगी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था. उसके बाद सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पीआरओ कौशल बिजल्वाण और गनर विनोद राणा सहित अन्य के खिलाफ धारा 147, 323 और 504 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया था.