देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे से देहरादून से लेकर दिल्ली तक सियासी पारा चढ़ा हुआ है। एक तरफ पूरे देश की निगाहें उत्तराखंड की ओर टिकी हुई हैं, दूसरी तरफ उत्तराखंड की धामी सरकार जल्द ही समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में कदम आगे बढ़ा रही है। इसके साथ ही सीएम के दिल्ली दौरे से एक बार फिर मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों का दावा है सीएम धामी दिल्ली में हाईकमान से मंत्रिमंडल के स्वरुप को लेकर भी चर्चा करेंगे।
देशभर में उत्तराखंड पहला राज्य बनने जा रहा है जो कि अपना यूसीसी लागू करने की तरफ कदम बढ़ा रहा है। उत्तराखंड सरकार के इस कदम का पूरे देश पर असर पड़ना तय है। इन सब कयासों के बीच सीएम धामी का दिल्ली दौरा अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि सीएम दिल्ली में यूसीसी को लेकर हाईकमान के दिशा निर्देशों के अनुरूप ही कदम आगे बढ़ाएंगे। दिल्ली से लौटते ही सीएम धामी यूसीसी का ड्राफ्रट मिलते ही विधानसभा सत्र भी आहूत करने की तरफ कदम बढ़ा सकते हैं। जिससे जल्द से जल्द यूसीसी को लागू किया जा सके।
इसके साथ ही सीएम धामी हाईकमान से मिलकर विकास कार्यों और मंत्रिमंडल के स्वरुप विस्तार या बदलाव को लेकर भी मुहर लगवा सकते हैंै। इन सभी कयासों के बीच दायित्वधारियों की दौड़ में शामिल नेताओं की भी धड़कने बढ़ गई है। हालांकि पार्टी सूत्रों का दावा है कि दायित्वधारियों का मामला अभी ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है। सरकार का पूरा फोकस इस समय यूसीसी को लेकर है। साथ ही मंत्रियों की परर्फोमेंस और नए चेहरों की तलाश को लेकर भी सीएम धामी पर दबाव बढ़ता जा रहा है। जिसके लिए सीएम धामी को होमवर्क भी पूरा करना होगा।
इसके अलावा जुलाई में प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधू का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। उन्हें फिर से विस्तार दिया जाएगा या फिर दूसरे चेहरे की तलाश करनी होगी। ये भी सीएम धामी को फैसला लेना होगा। हालांकि माना जा रहा है कि बद्रीनाथ और केदारनाथ मास्टर प्लान पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिसको संधू ही संभाल रहे हैं। ऐसे में बीच में संधू की सेवा समाप्त करने की चर्चा कम ही हो रही है।