देहरादून: सर्वे चौक स्थित आईआईटी सभागार में तीलू रौतेली अवॉर्ड को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य शामिल हुई. इसी बीच उन्होंने 14 वीरांगनाओं “राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार” और 35 महिलाओं को “आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है. खास बात यह है कि इस बार अवार्ड की रकम राशि को बढ़ाकर ₹51000 किया गया है.
इन महिलाओं को मिला तीलू रौतेली पुरस्कार
कार्यक्रम में आज जिन महिलाओं को सम्मान मिला है. उसमें निवेदिता कार्की शामिल हैं, जिन्होंने अपनी बोर्ड की परीक्षा छोड़कर स्वीडन में मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक जीता था. खेल दिव्यांग वर्ग में एथलीट गरिमा जोशी ने भी इस अवार्ड को हासिल किया है. बागेश्वर की रहने वाली मोहिनी और चंपावत की रहने वाली शंभावी मुरारी को योग और कला के क्षेत्र में यह अवार्ड मिला है. वहीं, पर्वतारोहण में देहरादून की अमीषा और ताईकमांडो के क्षेत्र में हरिद्वार की रहने वाली दिव्या भारद्वाज को भी तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में नैनीताल की मंजू को भी यह अवार्ड दिया गया है.
आज देवभूमि की वीरांगना वीर बाला तीलू रौतेली जी की जयंती के शुभ अवसर पर देहरादून में वर्ष 2022-23 हेतु 14 महिलाओं को "राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार" एवं 35 महिलाओं को "आंगनवाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार" से सम्मानित किया। सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को ₹51 हजार की धनराशि… pic.twitter.com/ChkVVF3LSi
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) August 8, 2023
चीन में परचम लहराने वाली मानसी नेगी भी हुई सम्मानित
महिलाओं को रोजगार और कामकाज से जोड़ने के लिए पौड़ी की नूतन पंत को मुख्यमंत्री धामी ने सम्मानित किया है. रुद्रप्रयाग की रहने वाली प्रीति को पर्यावरण के लिए और टिहरी की हिमानी को खेल के लिए सम्मानित किया गया है. दिव्यांग उधम सिंह नगर की नीलिमा राय और साहसिक कार्यों के लिए उत्तरकाशी की ममता और नैनीताल की कमला अरोड़ा को भी तीलू रौतेली पुरस्कार हासिल हुआ है. 20 किलोमीटर दौड़ में कांस्य पदक जीतने वाली चमोली की मानसी नेगी को भी आज अवार्ड समारोह में सम्मानित किया गया है.
क्या है तीलू रौतेली पुरस्कार
उत्तराखंड की तीलू रौतेली एक ऐसी वीरांगना थीं, 15 साल में रणभूमि में कूद पड़ी थी और सात साल तक उन्होंने अपने दुश्मन राजाओं को कड़ी चुनौती दी थी. तीलू रौतेली ने 22 साल की उम्र में सात युद्ध लड़े थे. जिससे वह पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गई. इसी बात को ध्या न में रखते हुए तीलू रौतेली के नाम पर वर्ष 2006 से तीलू रौतेली राज्य स्त्री शक्ति पुरस्कार की शुरूआत की गई.
राज्य सरकार ने बढ़ाई पुरस्कार की राशि
तीलू रौतेली अवार्ड राज्य सरकार हर साल महिलाओं को देती है. पहले इस अवार्ड के साथ 30000 की सम्मान राशि महिलाओं को दी जाती थी, लेकिन अब इसे ₹51000 कर दिया गया है. वहीं राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुरस्कार के तौर पर भी ₹51000 दिए हैं.