देहरादूनः उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड के बाद भू-कानून लागू किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. बुधवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने प्रदेश में भू-कानून लागू किए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया. इससे पहले भी राज्य में समय-समय पर भू-कानून को लागू किए जाने की मांग उठती रही है. वहीं, उत्तराखंड की धामी सरकार यह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि प्रदेश में सख्त से सख्त भू-कानून लागू किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के लिए जन-भावनाओं का सम्मान सर्वोपरी है। उन्होंने कहा कि भू-कानून के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सरकार को मिल चुकी है। जल्द ही इस रिपोर्ट को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) August 9, 2023
उत्तराखंड में सख्त भू-कानून लागू किए जाने के मामले पर बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में भू-कानून लागू करने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है. साथ ही कहा कि भू-कानून का ड्राफ्ट तैयार किए जाने के लिए गठित कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप दी है. यह रिपोर्ट सरकार को मिल भी गई है. लिहाजा जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक में भू-कानून लागू किए जाने के प्रस्ताव को रखा जाएगा.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार के लिए जन भावनाओं का सम्मान सबसे ऊपर है. लिहाजा जन भावनाओं के अनुरूप ही प्रदेश में सशक्त भू-कानून को लागू किया जाएगा. साथ ही कहा कि जो रिपोर्ट कमेटी ने सौंपी है. उसका पूरा अध्ययन करने के बाद प्रदेश में भू-कानून लागू किए जाने की दिशा में सरकार आगे बढ़ेगी. बता दें कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी. जानकारों की मानें तो अगर उत्तराखंडमें सख्त भू कानून लागू होता है तो न केवल बाहरी राज्यों के लोगों द्वारा उत्तराखंड में जमीन खरीदने की रोक लगेगी, बल्कि धार्मिक स्थलों को लेकर भी नियम बेहद कड़े हो जाएंगे.