न्यूज़ डेस्क: ऑस्ट्रेलिया से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 64 साल की महिला के मस्तिष्क में जिंदा कीड़ा मिला है. इसे दुनिया का ऐसा पहला मामला बताया जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि ये उनके करियर का भी इस तरह का पहला मामला है. महिला में निमोनिया, पेट दर्द, दस्त, सूखी खांसी, बुखार और रात को पसीना आने जैसे तमाम लक्षण दिख रहे थे. डॉक्टर साल 2021 से ही उसका स्टेरॉयड और अन्य दवाओं से इलाज कर रहे हैं.
2022 में महिला में डिप्रेशन और भूलने की बीमारी के लक्षण भी दिखने लगे. जिसके बाद डॉक्टरों ने उसके मस्तिष्क का MRI स्कैन किया, जिसमें कुछ गड़बड़ी का पता चला. फिर सर्जरी करने की सलाह दी गई. लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि मस्तिष्क में जिंदा कीड़ा है.
न्यूयॉर्क पोस्ट ने द गार्जियन के हवाले से लिखा है, कैनबरा में एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय सेनानायके ने कहा, ‘न्यूरोसर्जन ने सर्जरी इसलिए नहीं की क्योंकि उन्हें किसी रेंगते हुए कीड़े का पता चला.’ सेनानायके उस वक्त हैरान रह गए, जब उन्हें सर्जन ने फोन करके बताया, ‘हे भगवान. आप विश्वास नहीं करेंगे कि मुझे इस महिला के मस्तिष्क में क्या मिला है. ये जीवित है.’
सांपों में पाया जाता है कीड़ा
सर्जिकल टीम को जो मिला वो 3 इंच लंबा, चमकीले लाल रंग का, पैरासाइट राउंडवॉर्म था, जिसे वैज्ञानिक ओफिडास्करिस रोबर्टसी के नाम से जानते हैं. ये महिला के मस्तिष्क में रेंग रहा था. इसका मिलना इसलिए भी अजीब बात है क्योंकि ये आमतौर पर सांपों में पाया जाता है, इंसानों में नहीं. ये विशेष तरह का राउंडवॉर्म (कीड़ा) कार्पेट पायथंस (Carpet Pythons) में पाया जाता है, जो कंस्ट्रिक्टर की एक बड़ी प्रजाति है. ये ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और पापुआ न्यू गिनी में पाई जाती है.
डॉक्टरों को समझ नहीं आ रहा कि कैसे सांपों में पाया जाने वाला कीड़ा महिला के शरीर तक पहुंचा. उसका सांपों से कोई सीधा संपर्क नहीं हुआ, लेकिन उसके घर के पास वाली झील पर काफी सांप रहते हैं. विशेषज्ञों का अनुमान है कि ऐसा संभव हो सकता है कि पालक जैसी किसी खाने की चीज पर कीड़े के अंडे आ गए हों, जिन्हें महिला ने खा लिया हो. महिला खाने के लिए पालक उगाती थी, तो माना जा रहा है कि कीड़े का अंडा उसी पर मौजूद रहा हो.
जीवों से इंसानों में फैल रहीं बीमारी
पहले किसी भी इंसान में इस पैरासाइट संक्रमण का इलाज नहीं किया गया था, इसलिए डॉक्टरों को लक्षणों का इलाज करने के लिए कई महीनों तक महिला को सावधानीपूर्वक दवाएं देनी पड़ीं. डॉक्टर सेनानायके ने कहा, ‘वो बेचारी मरीज बहुत साहसी और अद्भुत है. उसे दुनिया में सांप में पाए जाने वाले राउंडवॉर्म से पीड़ित पहली मरीज नहीं बनना था और हम वास्तव में उसके जज्बे को सलाम करते हैं.’
इससे पता चलता है कि जानवरों में पाई जाने वाली बीमारियां अब कैसे इंसानों में भी ट्रांसफर हो रही हैं. हालांकि इस महिला को जो बीमारी है, वो एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलती. अब चूंकी कीड़े और सांप तो दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी रहते हैं, तो आने वाले वक्त में दुनिया के बाकी देशों से भी ऐसे मामले देखने को मिल सकते हैं.
वहीं इस महिला की सेहत अब पहले से ठीक है लेकिन उसमें कुछ लक्षण अब भी हैं. डॉ. सेनानायके ने कहा, ‘न्यूरोसर्जन नियमित रूप से मस्तिष्क में होने वाले संक्रमण के मामले देखते हैं, लेकिन ये करियर का ऐसा पहला मामला था. किसी को भी उसके (जिंदा कीड़े) मिलने की उम्मीद नहीं थी.’