पलवल: मामूली पेट दर्द होने पर अस्पताल गए युवक का डॉक्टर ने ऑपरेशन कर दिया। लापरवाही के कारण युवक के पेट से आंत कट गई, जिसे बाहर निकालकर परिजनों को दे दिया। हंगामा करने पर आरोपी डॉक्टर व स्टाफ मरीज को मरता हुआ छोड़कर भाग गए। मामले की शिकायत पुलिस को दी गई, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। चार माह चले इलाज के बावजूद युवक की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
चांदहट थाना पुलिस ने मामले में मृतक के भाई की शिकायत पर आईपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई कर शव का पोस्टमार्टम करा दिया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
गांव सोलड़ा निवासी योगेश ने शिकायत दर्ज करवाई है कि बीती 26 अप्रैल को उसके भाई भगत सिंह को पेट दर्द की शिकायत हुई। उन्होंने गांव के डॉक्टर से दवाई दिलाई, परंतु कोई लाभ नहीं मिला। 27 अप्रैल को वह अपने भाई को लेकर बल्लभगढ़ से सोहना रोड स्थित एमएस मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल पहुंचे।
डॉक्टर ने छह हजार के तीन इंजेक्शन मंगवाए, परंतु कोई फायदा नहीं हुआ। डॉक्टर ने भगत सिंह का सीटी स्कैन कर बताया कि इसके पेट में आंत पर आंत चढ़ी हुई है, ऑपरेशन करना पड़ेगा। डॉक्टर ने रुपये जमा कराकर ऑपरेशन शुरू किया। करीब 15 मिनट बाद ही डॉक्टर पेट की छोटी आंत को बाहर निकाल कर लाया और कहा कि छोटी आंत कट गई है, जल्दी उसे दूसरे अस्पताल में ले जाओ। डॉक्टर ने कोई रेफर स्लिप नहीं दी।
हंगामा करने पर स्टाफ मौके से फरार हो गया। अधूरा ऑपरेशन होने के कारण किसी भी अस्पताल ने भगत सिंह को भर्ती नहीं किया। उन्होंने दिल्ली के निजी अस्पताल में भगत सिंह को भर्ती कराया, परंतु वह ठीक नहीं हो पाया। आठ मई को एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, परंतु वहां के चिकित्सक ने भी आंत ट्रांसप्लांट करने से मना कर दिया। 21 जुलाई को भगत सिंह को छुट्टी कर घर भेज दिया।
आरोप है कि उन्होंने अस्पताल की लापरवाही की शिकायत संजय कॉलोनी स्थित पुलिस चौकी में दी, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। शनिवार रात को भगत सिंह की मौत हो गई। पुलिस प्रवक्ता संजय कादियान ने बताया कि मामले में अभी 174 की कार्रवाई की गई है। मामले की जांच जारी है।