बेगूसराय : जब परिस्थितियां अनुकूल ना हों, तो इंसान को मजबूरी में वो काम भी करने पड़ते हैं, जिसके बारे में शायद उसने कभी सपने में भी ना सोचा हो. अपनी ज़िन्दगी को चलाने के लिए एक रिटायर्ड शख्स भी मौजूदा समय में वही कर रहा है. वो मजबूरियों से इस कदर दबे हुए हैं कि अब उनके पास भीख (Beggary) माँगना ही एक आख़िरी उपाय बच गया है. उनके भीख मांगने की वजह भी बेहद अनोखी है. दरअसल, उनके पास अपना एक काम करवाने के लिए विभागीय अधिकारी को रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं है. इस वजह से वो सड़कों पर भीख मांग रहे हैं. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर तेज़ी से वायरल हो रही है. आइए आपको इस पूरे मामले के बारे में बताते हैं.
बेगूसराय : रिश्वत के लिए मांग रहे भीख…DDC कार्यालय में काम के बदले मांगी गई 2 लाख की रिश्वत
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— Zee Bihar Jharkhand (@ZeeBiharNews) September 21, 2023
रिश्वत देने के लिए भीख मांग रहा है ये रिटायर्ड शख्स
दरअसल, हम बेगूसराय के सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय के पास सदर प्रखंड स्थित पावर हाउस रोड के पास रहने वाले मोहन पासवान (Mohan Paswan) की बात कर रहे हैं. वो मौजूदा समय में रोज़ जिला परिषद मार्केट के पास हर रोज़ भीख मांगते हैं. उनके मुताबिक उन्होंने भीख मांगना इसलिए शुरू किया है, क्योंकि उनके पास सरकारी अफ़सर को 2 लाख रुपए रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं हैं. उनकी सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है. तस्वीर में उन्होंने अपने हाथ पर तख्ती भी ले रखी है, जिस पर लिखा है जिला परिषद के कर्मचारी एवं अधिकारी के द्वारा घूस की मांग की जा रही है और वे सेवानिवृत्ति हैं. उनके पास घूस देने के लिए पैसे नहीं है, इसलिए भीख मांगना पड़ रहा है.
1993 में हो चुके रिटायर
एक मीडिया कंपनी से बातचीत में मोहन पासवान ने बताया कि वो साल 1993 में रोलर चालक के पद से रिटायर हो चुके हैं. उन्होंने रिटायरमेंट के बाद वेतनमान के लिए सीएम के जनता दरबार में जाकर बात की, यहां उन्हें न्याय मिला और जिला प्रशासन ने भी इसकी अनुमति दे दी. हालाँकि, इसके बाद डीडीसी सुशांत कुमार ने अकाउंटेंट दया सागर से मिलने के लिए कहा. जब वो अकाउंटेंट से मिले, तो उनसे 2 लाख रुपए रिश्वत मांगी गई.
पांच सालों से नहीं मिला वेतनमान
उन्होंने रिश्वत नहीं दी, तो पिछले पांच सालों से उन्हें वेतनमान नहीं मिला. जब थक हारकर उन्होंने सारे रास्ते अपना लिए, तो उन्हें फिर भीख का रास्ता अपनाना पड़ा. अब वो भीख मांगकर ही 2 लाख रुपए जुटा रहे हैं. उनको अब भी ये उम्मीद है कि शायद उन्हें भीख मांगते देख किसी अधिकारी के आँखों पर पड़ी पट्टी खुल जाए और उनकी बेबसी का उन्हें ज्ञात हो जाए.