सूरत: जाको राखे साइयां मार सके ना कोई, बाल ना बांका कर सके चाहे जग बैरी होय…यह कहावत एक बार फिर से गुजरात के सूरत में एक बच्चे पर सटीक बैठी है. गणेश विसर्जन के दूसरे दिन यानी 29 सितंबर की दोपहर को करीबन 1:00 बजे सूरत शहर के दुम्मस बीच पर परिवार के साथ घूमने गया एक 13 साल का लड़का समंदर में नहाने के लिए गया था. इस बीच वह लहरों के बीच खो गया. समंदर के किनारे खड़े होकर उसके परिजन और बाकी लोग चाहकर भी उसकी मदद नहीं कर सके थे. परिवार वाले भी उसे मरा समझकर लौट आए थे. इधर सूरत पुलिस प्रशासन ने उसकी खोज के लिए गोताखोर और फायर ब्रिगेड की मदद ली थी. साथ ही साथ समंदर में गायब हुए बच्चे को खोजने के लिए हजीरा औद्योगिक क्षेत्र की बड़ी बड़ी कंपनियों से भी मदद मांगी थी. लेकिन पानी में डूबे बच्चे का कोई अता पता नहीं चला था.
14 વર્ષનો લખન દેવીપૂજક શુક્રવારે મિત્રો સાથે ડુમસનાં દરિયાનાં ન્હાતી વખતે તણાઇ ગયો હતો, દરિયામાં લખનનાં હાથમાં એક લાકડું આવી જતા એ લાકડાનાં સહારે દરિયામાં તરતો રહ્યો અને 24 કલાક બાદ ગણદેવીનાં ભાટગામનાં દરિયામાંથી સલામત રીતે મળી આવ્યો.
આજે લખનની હોસ્પિટલમાં મુલાકાત લીધી, એની… pic.twitter.com/FojjIixaoY
— C R Paatil (@CRPaatil) October 1, 2023
अपने बेटे लखन देवीपूजक के जीवित होने की आस छोड़ चुके परिजनों के लिए खुशी की खबर तब आई जब उन्हें पता चला कि 24 घंटे समंदर में रहने के बाद भी उनका बच्चा नवसारी के पास जीवित मिला है. अपने बेटे को जीवित देख परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू झलक पड़े.
दरअसल, समंदर के गहरे पानी में डूबने से बचाने में लखन की सहायक बनी गणेश की प्रतिमा. क्योंकि प्रतिमा के निचले हिस्से का लखन को सहारा मिला और वह 24 घंटे से अधिक के समय तक उसमें बैठ तैरता रहा था. उधर, सूरत पुलिस, फायर विभाग, L&T, रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्पीड बोट के जरिए समंदर में उसे खोजने की कोशिश की गई थी लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लग सकी थी.
समंदर में मछली पकड़ने जा रहे भवानी बट के मछुआरों ने बच्चे को देखा तो वह उसके पास पहुंचे और उसे अपनी बोट में बैठा लिया. उसके बाद मछुआरों ने उसकी सूचना मत्स्य पालन विभाग की बिंदु बेन को सूचित किया था. बिंदु बेन ने सूरत के मरीन थाना पुलिस और दुम्मस थाना पुलिस प्रशासन को सूचना दी थी.