आगरा: आगरा से सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां बच्चा चुराने वाला ‘भिखारी गिरोह’ का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। यह गिरोह 1 से 3 साल के बच्चों को अपना शिकार बनाता था। जब बच्चे बड़े हो जाते तो उन्हें बेच देते थे। वे बच्चों से भीख मंगवाते थे। इस गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब जीआरपी ने 10 महीने की कड़ी मशक्कत के बाद मथुरा रेलवे जंक्शन से चोरी हुई 2 साल की बच्ची को बचाया। पुलिस ने कहा कि मामले में दो महिलाओं सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी अंतरराज्यीय भिखारी गिरोह का हिस्सा हैं।
असल में 7 जनवरी, 2023 को बच्ची अपनी मां के साथ मथुरा रलवे स्टेशन के गेट नंबर के पास सो रही थी। उसी वक्त गिरोह ने उसे चुरा लिया था। बच्ची की मां कूड़ा बिनने का काम करती है। मां की नींद खुली तो देखा कि बच्ची उसके पास नहीं है। इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 (अपहरण) और 363ए (भीख मांगने के लिए नाबालिग का अपहरण या अपंग करना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
पुलिस स्टेशन और आस-पास के इलाकों में 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के बाद भी घटना का कोई फुटेज नहीं मिला। वरिष्ठ उप-निरीक्षक कुलवीर सिंह ने कहा कि अधिकारियों के पास बच्ची की सिर्फ पासपोर्ट साइज की फोटो थी। इस तस्वीर को 6 राज्यों में भेज दिया गया था। बुधवार को चेकिंग के दौरान पुलिस को सफलता मिली। पुलिस ने देखा कि पुरुषों और महिलाओं का एक समूह ट्रेन से तेजी से उतकर जल्दी से बाहर की तरफ जा रहा है। इसके बाद पुलिस को उन पर शक हुआ। इसके बाद जीआरपी ने समूह को हिरासत में लिया। वे बच्चे के बारे में ठीक-ठीक जानकारी नहीं दे सके। पूछताछ के दौरान उन्होंने कबूल किया कि बच्ची वही है जिसका 10 महीने पहले अपहरण किया गया था। मां ने पुलिस को बच्ची के शरीर पर बने निशान के बारे बताया था। जिसके आधार पर उसकी पहचान की गई।
एक से तीन साल के बच्चों को बनाते थे निशाना
डीएसपी विजय कुमार ने कहा, “बच्ची सुरक्षित है और अपनी मां से मिल गई है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों ने खुलासा किया कि उन्होंने पहले छह बच्चों का अपहरण किया था। उन्होंने 1 से 3 साल की उम्र के बच्चों को निशाना बनाया।”