कढ़ी-चावल और 16 रोटियां… घर में पति की लाश छुपाने के लिए कामवाली से बनवाया ज्यादा खाना

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आगरा: यूपी के आगरा में बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय हत्याकांड को पूरे 12 दिन बीत चुके हैं. इस केस में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं. पता चला है कि इस हत्याकांड की मुख्य आरोपी प्रियंका ने पति सचिन को मार डाला. फिर जब उसकी कामवाली घर आई तो प्रियंका ने उससे कढ़ी चावल और 16 रोटियां बनाने को कहा. पुलिस का अंदाजा है कि प्रियंका ने ऐसा इसलिए किया था ताकि किसी को इस बात का शक न हो कि उस घर में कुछ अनहोनी हुई है. इस दौरान उसने सचिन की लाश को कमरे में ही छुपा दिया. यानी प्रियंका शुरू से ही बड़े ही शातिर अंदाज में सबकी आंखों में धूल झोंक रही थी. इतना ही नहीं प्रियंका ने उसी रोज अपने पड़ोसी से दो बार मोबाइल मांगा और अपने पिता से बात की. उसके पिता कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र रावत हैं. फिलहाल प्रियंका फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.

इस मामले में हैरानी की बात ये भी रही कि बैंक मैनेजर सचिन की लाश का पोस्टमॉर्टम होने के बाद भी हत्या का केस दर्ज होने में पूरे चार दिन लग गए. सचिन के घरवालों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही ने आरोपी प्रियंका को बच निकलने का पूरा मौका दिया. ‘क्राइम तक’ के मुताबिक, 12 अक्टूबर को शाम पांच बजे के आस-पास पुलिस को सचिन के सुसाइड करने की सूचना मिली थी.

शुरुआती तफ्तीश के मुताबिक, सचिन के शरीर पर चोट के और जलने के निशान थे. कुछ निशान गले पर भी थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि मामला हत्या का है. ताजगंज स्थित राम रघु एग्जॉटिका कॉलोनी में बैंक प्रबंधक सचिन उपाध्याय की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. इसमें बैंक प्रबंधक के पिता की तहरीर पर पत्नी, उसके भाई और ससुर के खिलाफ केस दर्ज किया गया. शुक्रवार को पुलिस ने बैंक प्रबंधक के ससुर और कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेंद्र रावत के बेटे कृष्णा रावत को जेल भेज दिया. वहीं, प्रियंका अभी भी फरार है.

17 घंटे तक लाश को छुपाया

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, सचिन उपाध्याय की हत्या 11 अक्टूबर को रात हुई थी और 12 अक्टूबर को शाम पांच बजे पुलिस को इत्तेला मिली. यानी करीब 17 घंटों तक लाश को छुपाकर रखा गया था. इसी बीच सचिन के घरवालों का आरोप है कि अगर इलाके में सीसीटीवी न लगे होते तो सचिन की लाश तक को गायब कर दिया जाता. चूंकि प्रियंका को मोहल्ले में सीसीटीवी लगे होने की बात पता थी लिहाजा उसकी लाश को गायब करने की हिम्मत नहीं हुई.

कई घंटों की प्लानिंग और फिर मौके से सबूत मिटाने के बाद प्रियंका ने सचिन के खुदकुशी की कहानी गढ़ी थी. सचिन के पिता के मुताबिक, जिस कमरे में हत्या के बाद लाश को छुपाया था उस कमरे में प्रियंका ने ताला लगा दिया था. इतना ही नहीं, मौका-ए-वारदात पर पहुंचने वालों में सबसे पहला शख्स प्रियंका का भाई ही था जो शाम को घर आया था. इसके अलावा उन्होंने सचिन के ससुर के खिलाफ भी हत्या में शामिल होने का शक जताया है.

मारने से पहले सचिन को जलाया भी गया

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को मुताबिक, सचिन की हत्या गला घोंटकर की गई. लेकिन मारने से पहले उसे प्रेस से जलाया भी गया था. पुलिस ने इस सिलसिले में सचिन के साले को तो गिरफ्तार कर लिया है लेकिन प्रियंका लापता है. अभी तक ये राज नहीं खुला कि सचिन का गला किसने दबाया, किसने उसे प्रेस से जलाया और हत्या के पीछे असल में मकसद क्या था?

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