मुख्य सचिव ने की 30 सूत्री कार्यक्रम के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा, नोडल अधिकारियों की तय की गई जिम्मेदारी

खबर उत्तराखंड

देहरादून: मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु ने सोमवार को सचिवालय में 30 सूत्री कार्यक्रम के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि जिलों द्वारा प्रत्येक बिंदु पर एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए। नोडल अधिकारियों को दिए गए बिंदु की प्रगति की जिम्मेदारी तय की जाए।

उन्होंने कहा कि जनपदों द्वारा इन 30 बिंदुओं पर लक्ष्य निर्धारित कर प्रतिदिन अपलोड किया जाए। यह एक डायनामिक पोर्टल है। इस पर अपनी प्रगति के अनुरूप एक दिन में कई बार डाटा अपडेट किया जा सकेगा। इससे रातों रात रैंकिंग बदल सकती है।

मुख्य सचिव ने जनपदों से पोर्टल से सम्बन्धित मुद्दों पर सुधार के लिए भी सुझाव मांगे। कहा कि जनपदों को जो भी समस्याएं आ रही है उन्हें शीघ्र ठीक किया जाएगा। उन्होंने निदेशक आईटीडीए को जिलाधिकारियों द्वारा दिए गए सुझावों को पोर्टल पर शामिल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों की संभावनाओं को तलाशे जाने और जनपद में लागू करने के लिए योजना तैयार किए जाने हेतु प्रतिदिन समय अवश्य निकालें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को अपने अधीन कार्य कर रहे कर्मियों के कार्यों को सरल बनाए जाने पर भी ध्यान दें।


मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी जमीनों में अतिक्रमण,100 प्रतिशत सेग्रीगेशन एट सोर्स करने पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन अथॉरिटी (सारा) को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्रदेश में नदियों और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए चेक डैम अधिक से अधिक संख्या में बनाए जाने हैं। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए जल श्रोतों का पुनर्जीविकरण और भूमिगत जल स्तर को रिचार्ज किए जाने हेतु अत्यधिक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने वन पंचायतों के माध्यम में जड़ी बूटी को भी अधिक से अधिक बढावा दिये जाने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर अपर सचिव विजय कुमार जोगदाण्डे एवं निदेशक आईटीडीए नितिका खण्डेलवाल सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

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