नई दिल्ली : अगर आप पैन कार्ड होल्डर हैं और आपने अभी तक इसे आधार से लिंक नहीं कराया है तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। यदि कार्डधारक स्थायी खाता संख्या (पैन) को आधार कार्ड से लिंक करने में विफल रहता है यह मार्च 2023 के बाद निष्क्रिय हो जाएगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने यह बात मार्च की शुरुआत में कही थी। इसके मतलब आपके पास चार महीने का समय है। इसके बाद आपका पैन कार्ड बंद हो जाएगा और आपकी परेशानी शुरू। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा 30 जून के बाद आधार को पैन से जोड़ने पर 1000 रुपये का विलंब दंड निर्धारित किया गया था। विलंब शुल्क का भुगतान किए बिना, किसी को भी अपने पैन को अपने आधार से जोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पैन और आधार को 31 मार्च 2023 तक लिंक किया जा सकता है।
आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, पैन को आधार से लिंक करने की अंतिम तिथि, उन सभी पैन धारकों के लिए जो छूट की श्रेणी में नहीं आते हैं, 31.3.2023 है। पैन को आधार से लिंक न करने पर पैन निष्क्रिय हो जाएगा।
देर न करें, आज ही लिंक करें! pic.twitter.com/mrtqP7nqNL— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) November 18, 2022
इनकम टैक्स इंडिया ने ट्वीट किया, ‘आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, पैन को आधार से लिंक करने की अंतिम तिथि, उन सभी पैन धारकों के लिए जो छूट की श्रेणी में नहीं आते हैं, 31.3.2023 है। पैन को आधार से लिंक न करने पर पैन निष्क्रिय हो जाएगा। देर न करें, आज ही लिंक करें!’
आधार को पैन कार्ड से ऐसे करें Link
- आयकर की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग ऑन करें।
- क्विक लिंक सेक्शन में जाएं और लिंक आधार पर क्लिक करें।
- एक नई विंडो दिखाई देगी, अपना आधार विवरण, पैन और मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- ‘I validate my Aadhar details’ के विकल्प का चयन करें।
- आपको अपने पंजीकृत नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा। इसे भरें और ‘Validate’ पर क्लिक करें।
- जुर्माना भरने के बाद आपका पैन आपके आधार से लिंक हो जाएगा।
10,000 तक लग सकता है जुर्माना
कार्डधारक अगर लिंक नहीं करते हैं तो वे 2023 में निष्क्रिय होने तक ही पैन कार्ड का उपयोग कर सकेंगे। इसके बाद, पैन कार्डधारकों को बैंक खाते खोलने, म्युचुअल फंड या स्टॉक खाते जैसी चीजें करने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, यदि आप एक बंद पैन कार्ड का कहीं भी दस्तावेज के रूप में उपयोग करते हैं, तो आपको इसके लिए भी अतिरिक्त शुल्क का जोखिम उठाना पड़ सकता है। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 272बी के तहत आप पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।