देहरादून: उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में रविवार सुबह से फंसे 40 मजदूरों को निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन जिस गति से मजदूरों को टनल से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है, उस पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि सरकार ने रैणी आपदा से भी सबक नहीं लिया. पहाड़ी इलाकों में विकास भी जरूरी है, लेकिन विकास के साथ-साथ ये भी जरूरी है कि तकनीकी रूप से तैयार की गई रिपोर्ट को भी ध्यान में रखा जाए. ताकि, विकास के कामों में अनहोनी न हो जाए.
बता दें कि पूरे मामले में बीजेपी ने कांग्रेस पर आपदा के समय राजनीति करने का आरोप लगाया है. जिस पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने पलटवार किया है. उनका कहना है कि कांग्रेस इस मामले में कोई राजनीति नहीं कर रही है. बल्कि, कांग्रेस को टनल में फंसी 40 लोगों की चिंता है. क्योंकि, टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब पाइप डाले जा रहे हैं. माहरा ने कहा कि टनल के निर्माण के समय कायदे से कंट्रोल ब्लास्टिंग होनी चाहिए थी.
उनका आरोप है कि अनकंट्रोल ब्लास्टिंग की जा रही है, जिसकी शिकायत उन्होंने कई बार की. करन माहरा का कहना है कि टनल बनाते समय सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए और उन्हें लगता है कि यह सब जांच के बाद ही पता चल पाएगा. उन्होंने सवाल उठाया कि प्रदेश में जितनी भी कंपनियां काम कर रही हैं, वो रसूखदार लोगों की जान पहचान वाली कंपनियां हैं. यही कारण है कि अनियंत्रित ब्लास्टिंग को रोकने में स्थानीय प्रशासन इफेक्टिव नहीं हो पाता है.
गौर हो कि उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन टनल धंसने से विभिन्न राज्यों के 40 मजदूर फंसे हुए हैं. 50 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक टनल में फंसे मजदूरों को नहीं निकाला जा सका है. मजदूरों को निकालने के लिए सरकार की ओर से युद्ध स्तर पर प्रयास किया जा रहे हैं. इसके लिए हरिद्वार जिले के बहादराबाद से 900 एमएम के पाइप भी रेस्क्यू साइड में पहुंचा दिए गए हैं, लेकिन कांग्रेस ने रेस्क्यू अभियान पर सवाल उठाए है.