देहरादून: इस बार छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर से हुई. इस पर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है. इसके बाद खरना, अर्घ्य और पारण किया जाता है. इसमें विशेष तौर पर सूर्य देवता और छठ माता की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इनकी पूजा से संतान प्राप्ति, संतान की रक्षा और सुख समृद्धि का वरदान मिलता है. चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व मुख्य तौर पर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश, दिल्ली , महाराष्ट्र,में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. 19 नवंबर यानी आज छठ पूजा का तीसरा दिन है और आज संध्या अर्घ्य दिया जाएगा.
संध्या अर्घ्य का शुभ मुहूर्त
इस बार 19 नवंबर यानी आज के दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. आज के दिन सूर्यास्त की शुरुआत 05 बजकर 26 मिनट पर होगी. इस समय व्रती महिलाएं सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं.
ऐसे करते हैं आज के दिन पूजा
छठ पर्व का तीसरा दिन जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है. यह चैत्र या कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन सुबह से अर्घ्य की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. पूजा के लिए लोग प्रसाद जैसे ठेकुआ, चावल के लड्डू बनाते हैं. छठ पूजा के लिए बांस की बनी एक टोकरी ली जाती है, जिसमें पूजा के प्रसाद, फल, फूल, आदि अच्छे से सजाए जाते हैं. एक सूप में नारियल, पांच प्रकार के फल रखे जाते हैं.
छठ पूजा के तीसरे दिन का महत्व
छठ महापर्व का तीसरा दिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है। यह छठ पूजा का सबसे प्रमुख दिन होता है। इस दिन शाम के समय लोग नए वस्त्र पहन कर परिवार के साथ घाट पर आते हैं और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। महिलाएं दूध और पानी से सूर्य भगवान को अर्घ्य देती हैं और संतान की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
सूर्य देव को कैसे दें अर्घ्य?
छठ पूजा में सूर्यदेव की पूजा और उन्हें अर्घ्य देने का विशेष महत्व होता है।
इस दिन सभी पूजन सामग्री को बांस की टोकरी में रख लें।
नदी, तालाब या जल में प्रवेश करके सबसे पहले मन ही मन सूर्य देव और छठी मैया को प्रणाम करें।
इसके बाद सूर्य देव और अर्घ्य दें।
सूर्य को अर्घ्य देते समय “एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते, अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर” इस मंत्र का उच्चारण करें।
आज छठ व्रत के संध्याअर्घ्य के
उत्तरकाशी में जान और जोखिम की जद्दोजहद के बीच सुरंग में फसी जिंदगी को बचाने के लिए बिहारी महासभा ने छठ पूजा के अवसर पर सुरंग में फंसे सभी मजदूरों के लिए जिंदगी की भीख मांगने का फैसला लिया है। बिहारी महासभा द्वारा जोखिमऔरजीवन की जंग के बीच सुरंग में फसेजिंदगियों को बचाने के लिए छठ माता से विशेष अनुरोध पूजा अर्चना की।