देहरादूनः उत्तराखंड में मेगा इवेंट ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023′ का समापन हो गया है. इसके तहत देहरादून स्थित एफआरआई में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पहले दिन यानी 8 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समिट का शुभारंभ किया. जबकि, दूसरे दिन 9 दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल हुए. यह ग्लोबल इन्वेस्टर समिट कई मायनों में खास रही. क्योंकि, इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर एमओयू (MoU) साइन किए गए. साथ ही 44,000 करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग, समिट कार्यक्रम से पहले ही हो चुकी थी.
उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के समापन के बाद औद्योगिक विकास सचिव विनय शंकर पांडे ने बताया कि इस समिट में देश-विदेश के निवेशक शामिल हुए. इसके साथ ही 28 से 30 देशों के एंबेसडर या फिर उनके प्रतिनिधि के रूप में अधिकारियों ने शिरकत की.
कुछ बड़े उद्योगपतियों को छोड़कर करीबन सभी उद्योगपतियों का कोई न कोई प्रतिनिधि समिट में शामिल हुआ. वहीं, सेक्टोरल सेशन के दौरान प्रदेश के तमाम महत्वपूर्ण सेक्टर पर निवेशकों को जानकारी दी गई. बड़े निवेशकों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कई दौर की बैठकें भी की गई.
CM Dhami welcomed Union Home Minister Shri Amit Shah & greeted him.on behalf of Uttarakhand & its people.
CM Dhami said that Uttarakhand is moving forward on its path of all round development under the dynamic leadership of PM Narendra Modi ji. pic.twitter.com/XyUH7isa5p
— Destination Uttarakhand (@ukgis2023) December 9, 2023
3 लाख 52 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावों पर एमओयू साइन
वहीं, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पांडे ने कहा कि इन्वेस्टर समिट शुरू होने से पहले तक 2.50 लाख करोड़ रुपए का एमओयू साइन हो चुका था. लिहाजा, इन्वेस्टर्स समिट कार्यक्रम के समापन तक 3 लाख 52 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावों पर एमओयू साइन हो चुके हैं.
इस बार राज्य सरकार का ग्राउंडिंग और ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान था. साथ ही कहा कि एमओयू साइन करना और निवेश को धरातल पर उतरना ये अलग-अलग है. सीएम धामी के निर्देश दिए हैं कि सिर्फ एमओयू साइन करने तक ही सीमित नहीं रहना है. बल्कि, परियोजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया जाएगा.
विनय शंकर पांडे ने कहा कि अभी तक की प्रैक्टिस रही है कि जितने भी एमओयू साइन हुए हैं, उसका 10 फीसदी भी ग्राउंडिंग होता है तो ये बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती रही है. साथ ही कहा कि जब ढाई लाख करोड़ रुपए के एमओयू साइन करने के साथ समिट की शुरुआत हो रही थी, उस समय तक 44 हजार करोड़ की ग्राउंडिंग हो चुकी थी. जो कि 18 फीसदी थी.
एमओयू साइन होने के बाद ये बंद होने वाली प्रक्रिया नहीं है. ऐसे 5 करोड़ से ज्यादा के हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए उद्योग मित्र, निवेशक और सरकार के बीच ब्रिज का काम करेंगे. सचिव पांडे ने कहा कि जरूरी नहीं है कि जितने का एमओयू हुआ है, उतने की ग्राउंडिंग हो, लेकिन सरकार और शासन प्रशासन कोशिश कर रही है.
मैन्युफैक्चरिंग और एनर्जी सेक्टर में हुए सबसे ज्यादा एमओयू साइन
वहीं, सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के दौरान मैन्युफैक्चरिंग और एनर्जी सेक्टर में सबसे ज्यादा एमओयू साइन हुए हैं. एक फाइनेंशियल ईयर में एक साथ 44 हजार करोड़ रुपए का निवेश पिछले 20 सालों में नहीं हुआ है. अगर आगे इससे ज्यादा निवेश नहीं हुआ तो भी यह बहुत बड़ा अचीवमेंट है, लेकिन सरकार इसको आगे बढ़ाएगी.
एमओयू की ग्राउंडिंग के लिए बनाए जाएंगे उद्योग मित्र
आर मीनाक्षी सुंदरम ने आगे कहा कि इसके लिए बकायदा उद्योग मित्र बनाए जाएंगे. ताकि ग्राउंडिंग को बढ़ाया जा सके. लिहाजा, सरकार की उम्मीद है कि बड़ी आसानी से एक से सवा लाख करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग करने में कामयाब होंगे.