धार: मध्य प्रदेश के धार में एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां गांव पाड़लिया में गांव वाले एक पत्थर को अपना कुल देवता मानकर पूजते आ रहे हैं, वो करोड़ों साल पहले रहने वाले डायनासोर का अंडा निकला। मामला सामने आने के बाद गांव में हड़कंप का माहौल है। वहीं अब प्रशासन भी हरकत में नजर आया और वैज्ञानिकों से अंडे की जांच करवाई जा रही है।
दरअसल, नर्मदा घाटी के किनारे बसा यह पाड़लिया गांव करोड़ों वर्ष पहले डायनासोर युग से जुड़ा रहा है और यहां पर करीब 6.5 करोड़ साल पहले डायनासोर रहा करते थे। स्थानीय डायनासोर विशेषज्ञ विशाल वर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले तीन वैज्ञानिकों का वर्कशॉप आयोजित किया गया था। इस वर्कशॉप में वैज्ञानिक डॉ. महेश ठक्कर, डॉ. विवेक वी कपूर, डॉ. शिल्पा आए हुए थे। ये सभी मांडू स्थित डायनासोर फॉसिल्स पार्क के विकास कार्य का जायजा लेने के लिए आए थे।
इसी दौरान वैज्ञानिकों ने गांव के लोगों को करीब 18 सेंमी व्यास के गोल पत्थरों की पूजा करते हुए देखा। गांव के युवक वेस्ता पटेल ने बताया कि पत्थरों में उनके काकर भैरव वास करते हैं। यह देव पूरे गांव पर कोई संकट नहीं आने देते हैं। लेकिन जैसे ही लखनऊ से आई वैज्ञानिकों की ने पत्थरों को ध्यान से देखा तो वे समझ गए कि ये गोल गोल पत्थर नहीं बल्कि डायनासोर के अंडे हैं।