नई दिल्ली: विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक इस समय लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा है. इस बीच, अलायंस के सहयोगी दल जेडीयू के नेता और सांसद सुनील कुमार पिंटू के बयान लगातार चर्चा में आ रहे हैं. एक दिन पहले मीटिंग में ‘समोसे’ नहीं होने का जिक्र करने वाले पिंटू ने एक बार फिर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने राहुल गांधी को पीएम वेटिंग कहकर तंज कसा है. पिंटू ने कहा, गठबंधन को लेकर कांग्रेस का अड़ियल रवैया है. कांग्रेस सीरियस नहीं है. ना कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और ना उनके PM वेटिंग राहुल गांधी सीरियस हैं.
दो दिन पहले ही (19 दिसंबर) दिल्ली में इंडिया अलायंस की चौथी बैठक हुई थी. इसमें सीट शेयरिंग पर चर्चा हुई थी. बैठक में कई अन्य मुद्दों पर बात हुई और डेडलाइन तय की गई. इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू नेता से सांसद सुनील कुमार पिंटू भी शामिल हुए थे. बैठक के बाद पिंटू ने नीतीश कुमार और पार्टी लाइन के खिलाफ बगावती रुख दिखाया था. उन्होंने बैठक को लेकर कहा, ‘पहले तो मीटिंग्स में चाय-समोसे चलते थे, लेकिन अभी कांग्रेस ने खुद कह रखा है कि फंड की कमी है. लोग उन्हें डोनेट करें. कल की मीटिंग तो बस चाय-बिस्कुट पर रह गई, समोसे भी नहीं आ पाए.’
‘नीतीश ही अलायंस को लीड करें‘
जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने आगे कहा, ‘हमारे नेता (नीतीश कुमार) ना प्रधानमंत्री की रेस में हैं और ना वो नाराज हैं.’ उन्होंने कहा, ‘बिहार का हर आदमी यही चाहेगा कि नीतीश कुमार ही इंडिया गठबंधन नेतृत्व संभालें. पिंटू ने कहा, ‘EVM पर सवाल खड़े करना गलत है. विपक्ष अपनी कमी ढूंढे, नाकि EVM को दोषी ठहराए.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे नेता नीतीश कुमार ने सभी दलों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने का काम किया है.’
‘कांग्रेस के रवैये से चाय-बिस्किट तक सीमित हो गई बैठक‘
सुनील कुमार पिंटू ने दावा किया कि इंडिया गठबंधन की बैठक में नीतीश कुमार इसलिए आए थे कि सीट शेयरिंग और नेतृत्व पर फैसला हो. लेकिन कांग्रेस के अड़ियल रवैया की वजह से इंडिया गठबंधन की मीटिंग चाय-बिस्किट पर समाप्त हो गई और बाकी कुछ नहीं हुआ. अब दिन बहुत कम बचे हैं. आने वाले दिनों में अगर सीट शेयरिंग और नेतृत्व पर फैसला नहीं होगा तो कांग्रेस को सोचना है कि इंडिया गठबंधन को बचाकर रखना है, अपने अड़ियल रवैया को छोड़ना है.
‘अन्य राज्यों से नेता सीरियस मीटिंग के लिए आए थे‘
उन्होंने कहा, पहले इंडिया गठबंधन की बैठक चाय और समोसे तक सीमित थी, लेकिन इस बार चाय बिस्किट पर इसलिए आ गई, क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व ने हाल ही में कहा था कि उनके पास फंड नहीं है. 138 साल पुरानी पार्टी पब्लिक से 138, 1380 और 13,800 रुपए चंदा मांग रही है. अभी डोनेशन आया नहीं था इसलिए इस इंडिया गठबंधन की बैठक में सच्चाई और बिस्किट पर ही मामला रह गया, समोसा नहीं आ पाया. एक सीरियस मीटिंग के लिए कई मुख्यमंत्री अपने राज्य को छोड़कर दिल्ली आए और आप (कांग्रेस) सीरियस नहीं है, ना कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके PM वेटिंग राहुल गांधी सीरियस हैं.
‘खड़गे ने प्रस्ताव ठुकराया, राहुल तरफ किया इशारा‘
पिंटू ने यह भी बताया कि हालांकि ममता बनर्जी के प्रस्ताव के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तुरंत इनकार कर दिया और उनकी (राहुल गांधी) तरफ इशारा कर दिया. समय की मांग है कि इंडिया गठबंधन के प्रधानमंत्री उम्मीदवार की घोषणा होनी चाहिए. बिहार का हर आदमी यही चाहेगा कि बिहार का ही कोई व्यक्ति (नीतीश कुमार) प्रधानमंत्री उम्मीदवार का नेतृत्व संभाले. हालांकि हमारे नेता बार-बार मना कर रहे हैं.
‘ईवीएम को लेकर कोई भ्रम नहीं‘
जेडीयू सांसद ने कहा, इंडिया गठबंधन की बैठक में क्षेत्रीय दल को तुरंत फैसला लेना चाहिए कि नेतृत्व कौन करेगा. EVM को लेकर कोई भ्रम नहीं है. विपक्ष का हार स्वीकार ना करने का और दूसरे के ऊपर ठीकरा फोड़ने का तरीका है. बिहार और यूपी में पहले बैलेट पेपर पर चुनाव होते थे. आज 60 साल के आदमी बताएंगे कि आज तक बैलट पेपर नहीं देखा और कभी वोट डाला नहीं है क्योंकि वहां बूथ कैप्चरिंग होती थी. आज 90 साल का व्यक्ति EVM के जरिए अपना वोट डाल रहा है. आज विपक्ष कर्नाटक और तेलंगाना जीत गई तो EVM वहां अच्छा रहा और जैसे ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में हार हुई तो वहां EVM आ गया.
उन्होंने कहा, विपक्ष को जनता के निर्णय को स्वीकारना होगा. सच्चाई यही है कि अगर जनता ने बीजेपी को तीन राज्यों में जनादेश दिया है तो उसे स्वीकार करते हुए अपनी कमी को खोजना चाहिए ना कि EVM को.