देहरादून: उत्तराखंड में विभिन्न विभागों के ऐसे सैकड़ों कर्मचारी हैं जो वर्दीधारी कर्मी के रूप में काम तो कर रहे हैं लेकिन उन्हें पुलिस के समान सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं. इसी बात को अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन के समुख रखते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की तरफ से प्रदेश के विभिन्न विभागों में वर्दीधारी के रूप में काम कर रहे कर्मचारियों को भी पुलिस की भांति ही सुविधाएं दिए जाने की मांग की है. इस संदर्भ में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की तरफ से ACS वित्त आनंद वर्धन के साथ मुलाकात कर अपना मांग पत्र भी रखा है.
खास बात यह है कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधि मंडल की तरफ से डिमांड रखने के बाद इस पर शासन ने कदम बढ़ाते हुए विभागों के अध्यक्षों से सूचनाओं भी मांगी है. इसके तहत शासन ने विभागों से अब तक इन विभागों में वर्दीधारी कर्मचारियों को मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है. इसके बाद शासन इन सूचनाओं के मिलने पर आगे की कार्यवाही करेगा.
दरअसल राज्य में पुलिस कर्मियों को विभिन्न भत्ते दिए जाते हैं, जबकि पुलिस की तरह ही विभिन्न विभागों में वर्दी धारी कर्मियों के रूप में कई कर्मचारी काम कर रहे हैं जिन्हें यह सुविधा नहीं मिलती हैं. इन कर्मचारियों में आबकारी विभाग के वर्दीधारी कर्मी, परिवहन विभाग के वर्दीधारी कर्मचारी और वन विभाग के कर्मी शामिल हैं. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की तरफ से इसके लिए जो प्रयास किए थे उसके बाद शासन अब इससे संबंधित जानकारियां जुटा रहा है. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे ने बताया विभिन्न कर्मचारियों को धुलाई भत्ता, वर्दी भत्ता समेत ऐसे कई भत्ते हैं जिनका लाभ दिया जाना चाहिए.