नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 का समय पास आ रहा है। इस चुनाव में सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश होता है जहां कुल 80 लोकसभा सीटें हैं। यही कारण है कि इस राज्य को दिल्ली की सत्ता का दरवाजा भी कहते हैं। ऐसे में भाजपा राज्य की सभी 80 सीटों पर जीत का टारगेट लेकर चल रही है। इस प्लानिंग के मद्देनजर भाजपा उत्तर प्रदेश में ‘शुक्रिया मोदी भाईजान’ नाम से अभियान शुरू करने जा रही है। आइए जानते हैं भाजपा के इस खास अभियान के बारे में सबकुछ।
न दूरी है न खाई है, मोदी हमारा भाई है
भाजपा द्वारा शुरू किए जाने वाली शुक्रिया मोदी भाईजान अभियान की टैगलाइन- ‘न दूरी है न खाई है, मोदी हमारा भाई है’ रखी गई है। इस अभियान में जिले जिले मुस्लिम महिलाएं प्रधानमंत्री मोदी को शुक्रिया भाईजान कहेंगी। पीएम मोदी को शुक्रिया कहने वाली ये मुस्लिम महिलाएं मोदी सरकार की योजनाओं की लाभार्थी होंगी।
12 जनवरी से शुरू होगा अभियान
भाजपा अपने इस शुक्रिया मोदी भाईजान अभियान को 12 जनवरी 2024 के दिन से शुरू करने जा रही है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुँवर बासित अली ने इंडिया टीवी को बताया कि प्रदेश में करीब डेढ़ करोड़ मुस्लिम महिलाओं को केंद्र सरकार की योजनाओं का फायदा मिल रहा है।अब प्रदेश में करीब दो हज़ार सम्मेलन होंगे जहां मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने वाली मुस्लिम महिलाएं पीएम मोदी को ‘शुक्रिया भाईजान’ कहेंगी ।
यहां पढ़ें वोट पाने की पूरी प्लानिंग
सम्मेलन में मुस्लिम महिलाओं को केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं के बारे में बताया जाएगा। कुंवर बासित अली के मुताबिक मुस्लिम महिलाओं को प्रधानमंत्री आवास योजना,आयुष्मान योजना,उज्ज्वला योजना,मुस्लिम बच्चों को स्कालरशिप योजना जैसी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। कुंवर बासित अली के मुताबिक यूपी के करीब तीन करोड़ मुसलमानों को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है। तीन करोड़ मुसलमानों में करीब डेढ़ करोड़ मुस्लिम महिला लाभार्थी है। बीजेपी की कोशिश इन्ही मुस्लिम महिला लाभार्थी के ज़रिए दूसरी मुस्लिम महिलाओं के वोट पाने की है।
निकाय चुनाव में भाजपा को मिला था फायदा
यूपी में पिछले साल मई में हुए निकाय चुनाव में बीजेपी ने 395 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे जिनमे 61 उम्मीदवार जीत गए थे। साल 2022 के विधान सभा चुनाव में भी कई मुस्लिम बाहुल्य सीट पर बीजेपी जीती थी।अब बीजेपी की निगाहें मुस्लिम महिला वोटर पर है। पार्टी को उम्मीद है कि वे ‘शुक्रिया भाईजान’ अभियान से मुस्लिम महिलाओं के वोटबैंक पर सेंध लगाने में कामयाब होंगे।