जम्मू: भारी बर्फबारी के कारण सड़कें ब्लॉक थीं। रात का समय था, अचानक गर्भवती को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। सड़कें ब्लॉक होने के कारण एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंच पाई। परिवार के पास भी कोई साधन नहीं था।
गर्भवती दर्द से तड़प रही थी और परिजनों को उसकी जान को खतरा लगने लगा। इस बीच सेना के जवान गश्त पर पहुंचे तो उन्होंने महिला की हालत देखी। जवानों ने तुंरत गर्भवती को कंधे पर उठाया और बर्फबारी के बीच भीषण ठंड में उसे अस्पताल लेकर गए। इस तरह उन्होंने मां और उसके बच्चे की जान बचाई।
VIDEO | Jawans of the Indian Army's Sikh Regiment rendered life-saving medical first-aid to a woman suffering from severe chest pain in a remote village of Kupwara in Jammu & Kashmir. pic.twitter.com/SLMzREY5Ho
— Press Trust of India (@PTI_News) February 2, 2024
कुपवाड़ा की घटना, लोगों ने सैल्यूट किया
भारतीय सेना के जवानों की इस जिंदादिली का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग सेना के जवानों को सलाम कर रहे हैं। उन्हें लोगों का सच्चा रक्षक बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि वैसे तो आजकल लोगों में इंसानियत नहीं, लेकिन सेना के जवानों के जज्बे से हर किसी को सबक लेना चाहिए।
महिला के परिवार ने भी सेना के जवानों का आभार जताया कि उन्होंने जच्चा-बच्चा की जान बचाई। बता दें कि उत्तरी कश्मीर के मोनाबल (कुपवाड़ा) में गुरुवार रात को सेना की 30RR के जवानों ने गर्भवती महिला की मदद करके उसे अस्पताल पहुंचाया।
Such a touching example of how the Indian Army is always with the awaam, for the awaam.
There was a tragic accident in Boniyar in Baramulla district.
A vehicle skidded off the road and fell in a deep gorge. There were severe casualties.
People could not bring up the bodies due… pic.twitter.com/aykeAv9dxh— The Kashmir Connect (@KASHMICO) February 1, 2024
आशा वर्कर ने कहा ले जाना होगा अस्पताल
जवानों ने बताया कि बर्फबारी के कारण कुपवाड़ा के अंदरुनी इलाकों की सड़कें ब्लॉक हो चुकी हैं। मोनाबल में रहने वाले मंजूर अहमद खान की पत्नी प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी। आशा वर्कर ने उसकी हालत देखते हुए उसे अस्पताल ले जाने को कहा, लेकिन सड़के ब्लॉक और कोई साधन न होने के कारण परिजन बेबस नजर आए।
मंजूर ने मदद मांगने के लिए सैन्य शिविर में फोन किया। सेना के डॉक्टर जरूरी दवाओं और बचावकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन हालत नाजुक होने के चलते जवानों ने महिला को कंधों पर लादकर 5 किलोमीटर दूर उपजिला अस्पताल लंगेट पहुंचाया।