उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग में पूजा-अर्चना के साथ सुरक्षात्मक कार्य शुरू हो गए हैं. बीते शुक्रवार को यहां सुरक्षात्मक कार्य से पहले एक पंडित से पूजा-अर्चना करवाई गई थी. इसी बीच सुरंग निर्माण से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सुरंग के सिलक्यारा छोर से डी वाटरिंग शुरू करने में अभी एक सप्ताह का समय लगेगा. उससे पहले सुरक्षा के लिए ह्यूम पाइप बिछाने सहित अन्य जरूरी काम किए जाएंगे.
12 नवंबर को हुआ था सिलक्यारा टनल में भूस्खलन: गौर हो कि 12 नवंबर 2023 की सुबह सुरंग के सिलक्यारा मुहाने से 200 मीटर आगे भारी भूस्खलन हुआ था. जिससे सुरंग का मुंह बंद होने से अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें 17 दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बाहर निकाला गया था. उसके बाद से ही सुरंग का निर्माण कार्य बंद था. करीब साढ़े चार किमी लंबी बनने वाली इस सुरंग का 480 मीटर निर्माण शेष है.
23 जनवरी को केद्र ने पुननिर्माण की दी थी सहमति: 23 जनवरी को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल को सुरंग निर्माण शुरू करने की अनुमति दी थी. जिसके बाद बड़कोट मुहाने से डी-वाटरिंग चालू कर दी गई थी, लेकिन सिलक्यारा छोर से भूस्खलन के मलबे के चलते यह काम शुरू नहीं हो पाया था. अधिकारियों का कहना है कि इस छोर से सुरंग के सुदृढ़ीकरण के बाद ही डी वाटरिंग की जाएगी. डी वाटरिंग के बाद मलबा हटाने के बाद ही काम शुरू होगा. एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि सुरंग में सुरक्षा के लिए ह्यूम पाइप बिछाए जा रहे हैं. इसके बाद डी-वाटरिंग शुरू करने में एक सप्ताह का समय लगेगा.
सुरंग में फंसा रहा श्रमिक काम पर लौटा: भूस्खलन हादसे के बाद सुरंग में 17 दिन फंसा रहा पश्चिम बंगाल के कूच बिहार निवासी मानिस तालुकदार हादसे के बाद काम पर लौट आया है. इलेक्टि्रशियन मानिर ने बताया कि उन्होंने अपने साथियों को सुरंग निर्माण को अनुमति मिलने की जानकारी दी है. जिसके बाद उसके तीन साथी रास्ते में हैं. अन्य साथी भी यहां जल्द काम पर लौटेंगे.