देहरादून: यूसीसी पर आज कैबिनेट में चर्चा नहीं हुई। 6 फरवरी को कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा। बता दें कि, कैबिनेट में 18 प्रस्ताव आए, जिसमें से16 पास हुए।
बता दें कि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज शनिवार को मंत्रिमंडल की बैठक होनी थी। जिसमें समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के प्रस्ताव को चर्चा के बाद विधानसभा में यूसीसी विधेयक लाने की मंजूरी मिल सकती थी, लेकिन यूसीसी पर आज कैबिनेट में चर्चा नहीं हुई। 6 फरवरी को कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा।
पांच फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से पहले धामी मंत्रिमंडल की बैठक अहम मानी जा रही है। प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी मसौदा रिपोर्ट शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपी थी।
यूसीसी को लेकर सुझाव आमंत्रित किए
2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। इस दौरान समिति ने ऑनलाइन और ऑफलाइन आधार पर जनता से यूसीसी को लेकर सुझाव आमंत्रित किए।
उत्तराखंड में कुप्रथाएं होंगी खत्म
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने से दशकों से चली आ रहीं कुरीतियां और कुप्रथाएं खत्म होंगी। सभी को एक समान अधिकार मिल सकेगा। बेटा-बेटी और स्त्री-पुरुष के बीच का भेदभाव खत्म होगा। सभी को एक समान अधिकार मिल सकेगा। बेटा-बेटी और स्त्री-पुरुष के बीच का भेदभाव खत्म होगा। यह कहना है कि समान नागरिक संहिता की कानूनी जंग लड़ने वाले अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय का। सीएम आवास में यूसीसी की विशेषज्ञ समिति की ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपने के दौरान उपाध्याय ने मीडिया से समान नागरिक संहिता की विशेषताओं और उनके संभावित प्रावधानों को साझा किया। कहा, समिति ने यूसीसी का ड्राफ्ट सौंप दिया है।