हरिद्वार: उत्तराखंड की हरिद्वार लोकसभा सीट से अपने बेटे को चुनाव लड़ाने की इच्छा जगजाहिर करने वाले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने यू टर्न ले लिया है. हरीश रावत का कहना है कि बेटे को टिकट मिलने के आगे बाधाएं हैं. हरीश रावत ने बेटे को टिकट मिलने के मौके को तीसरे स्थान पर रखा है. वहीं, हरीश रावत ने हरिद्वार के प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इंडिया अलायंस, नीतीश कुमार, राम मंदिर, उत्तराखंड यूसीसी और सिडकुल में मजदूरों के शोषण पर अपनी बात रखी.
टिकट मिलने के आगे तीन बाधाएं
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने बेटे को टिकट मिलने पर तीन बाधाओं का सामना होने की बात कही. हरीश रावत ने कहा कि पहली बाधा ये है कि जिन्होंने मेरा साथ दिया है, अगर उनमें से कोई चुनाव लड़ना चाहता है तो पहला हक उसका है. दूसरी बाधा है कि मेरा वही लड़का चुनाव लड़ सकता है जिसके नाम पर मेरे साथियों की सहमति होगी और तीसरी बाधा है कि पार्टी के अंदर जो हमारे चतुर्भुज (करन माहरा, यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल) है. अगर ये चार सहमत होंगे तभी चुनाव लड़ पाएगा.
करेंगे पदयात्रा
हरीश रावत ने आज सिडकुल के मजदूरों के शोषण के खिलाफ सिडकुल में पदयात्रा करने की घोषणा की. वहीं बीपीएल राशन कार्ड धारकों को कार्ड न मिलने की स्थिति में डीएसओ ऑफिस पर धरना देने की घोषणा भी की है. हरीश रावत ने कहा कि सिडकुल क्षेत्र में निरंतर श्रमिकों का उत्पीड़न हो रहा है. उद्योग बंद हो रहे हैं. आंशिक रूप से छंटनी हो रही है. पूरा वेतन नहीं मिल रहा है. इसके खिलाफ हम पदयात्रा करेंगे. हरीश रावत ने कहा कि राज्य के अंदर करीब 30 हजार से ज्यादा बीपीएल कार्ड वाले ऐसे व्यक्ति हैं जिनके कार्ड करीब 5 साल पहले ले लिए गए. उनके कार्डों का पता ही नहीं है. उनको कोई पूछ नहीं रहा है. वे चुनावी हिसाब से महत्वपूर्ण नहीं है. मैंने यह तय किया है कि 10 दिन के बाद मैं डीएसओ ऑफिस पर धरने पर बैठूंगा.
ममता के नेतृत्व में जीतेंगे देश
वहीं इंडिया गठबंधन से नीतीश कुमार के जाने और ममता बनर्जी द्वारा कांग्रेस को बनारस से जीतने की चुनौती देने पर हरीश रावत का कहना है कि गठबंधन चलेगा ही नहीं बल्कि मजबूत भी होगा. गठबंधन 2024 में परिवर्तन लाएगा और हम सरकार बनाएंगे. ममता जी के नेतृत्व में देश जीतेंगे.
यूसीसी केंद्र का टोकेरिज्म
यूसीसी को लेकर हरीश रावत ने कहा कि यह टोकेनिज्म है. केंद्र सरकार का टोकेनिज्म और केंद्र ने उत्तराखंड से कानून बनवाया. इस कानून का उत्तराखंड की सीमा के बाहर कोई अस्तित्व नहीं है. यह यूनिफॉर्म सिविल कोड हमारे संविधान की भावना का अपमान है. हरीश रावत ने यूसीसी ड्राफ्ट को सार्वजनिक करने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि इससे राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन अपनी दृष्टि से ड्राफ्ट के गुण और दोष पर बातचीत कर सके.
भाजपा धर्म की राजनीति करती है
हरीश रावत का राममंदिर के बाद मथुरा, काशी की मांग उठाने पर कहा कि राम हमारे लिए आस्था हैं. हम मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्र की जय करने वाले लोग हैं. हम भाजपा के तरीके से न राम जी के नाम पर राजनीति करते हैं और न हम मंदिर-धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं. अपने-अपने धर्म में हमारी आस्था है. हम चाहते हैं कि राजनीति का संचालन और देश का संचालन धर्मपूर्वक किया जाए. उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद और हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं. हमारे सैनिक मारे जा रहे हैं. उस पर कोई चर्चा नहीं कर रहे हैं. भाजपा के पास केवल चर्चा के लिए धर्म है.