इटावा: इटावा में एक अज्ञात शव की शिनाख्ती और अंतिम संस्कार करने के मामले में नया मोड़ आ गया है. अस्पताल की मोर्चरी से शव को ले जाने वाले लोग फर्जी निकले. पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए फर्जी दस्तावजे जमा करने वाले 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
थाना फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके के सुंदरपुर रेलवे फाटक के पास ट्रेन से कटकर एक शख्स की मौत हो गई थी. अज्ञात होने के कारण उसके शव को पुलिस ने मोर्चरी में रखवा दिया था. शिनाख्त न होने की स्थिति में 72 घंटे तक शव को रखने का प्रावधान है, लेकिन कुछ ही देर बाद दूसरे दिन तीन लोगों ने आकर उस शव की दावेदारी की. उन्होंने मृतक की अतुल कुमार के रूप में पहचान की. तीनों लोगों ने अपने आप को मृतक अतुल कुमार का संबंधी भाई और पिता बताकर आधार कार्ड जमा किया और शव को ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया.
लेकिन दूसरे दिन ही मृतक के वास्तविक परिजनों ने आकर अपना दावा किया, तब पुलिस के कान खड़े हुए और जांच शुरू हुई. पुलिस ने अपनी तफ्तीश में पाया कि फर्जी आधार कार्ड और फर्जी पहचान बता करके डेड बॉडी को ले जाया गया है और मोबाइल नंबर भी फर्जी पाए गए.
जांच पड़ताल और पूछताछ में पता चला कि गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में एक लड़की मुस्कान कोस्टा, उसका प्रेमी हेतराम मित्तल और एक अन्य रिश्तेदार के वास्तविक नाम फारूक, तसलीम और फुरकान हैं.
22 साल की गर्लफ्रेंड से करना चाहता था शादी
पुलिस पूछताछ में मालूम हुआ कि 50 साल का हेतराम मित्तल अपनी पत्नी से परेशान रहता था. वह अपनी प्रेमिका मुस्कान कोस्टा (22 वर्ष) के साथ शादी करना चाहता था. मुस्कान से हेतराम की जान पहचान 5 साल पहले हुई थी, तब मुस्कान के माता-पिता ने हेतराम के खिलाफ नाबालिग को बहला फुसलाकर गायब कर देने का मुकदमा दर्ज कराया था.
उसके बाद हेतराम ने षड्यंत्र करते हुए साजिश रचकर अपनी प्रेमिका के माता-पिता को फंसाने के लिए एक मोर्चरी में आए अज्ञात शव को फर्जी अतुल कुमार बताया. ताकि मृतक को मुस्कान का पति अतुल कुमार नाम बताकर प्रेमिका के माता-पिता को हत्या के मामले में फंसा सके और प्रेमिका से शादी कर सके.
पत्नी को भी गुमराह किया
साजिश रचने के बाद उसने अपनी वास्तविक पत्नी शिखा अग्रवाल को भी गुमराह करता रहा और उससे कहता रहा कि मुस्कान की शादी अतुल कुमार के साथ हो चुकी है और इस बात को सच साबित करने के लिए और मुस्कान के माता-पिता को हत्या में फंसाने के लिए अज्ञात शव को अतुल कुमार बताकर अंतिम संस्कार कर दिया.
अतुल कुमार नाम का कोई व्यक्ति था ही नहीं
हेतराम ने अपने साथ फारूक, तसलीम और फुरकान को शामिल किया. फर्जी आधार कार्ड के आधार पर उन्हें अतुल कुमार का रिश्तेदार पेश किया. जबकि वास्तविकता में अतुल कुमार नाम का कोई व्यक्ति था ही नहीं, यह केवल एक काल्पनिक किरदार तैयार किया गया था.
पुलिस ने हेतराम मित्तल, उसकी प्रेमिका मुस्कान कोस्टा और उसके तीन सहयोगी फारूक, तसलीम और फुरकान को धारा 34, 193, 419, 467, 468, 471 में मामला पंजीकृत करके जेल भेजने की कार्रवाई की है.
पत्नियों को छोड़ चुका है हेतराम
पत्नी शिखा अग्रवाल का कहना है, हेतराम मुझे मारता पीटता था. मेरे दो बच्चे भी हैं. पति मुझे और मेरे बच्चों को मारने की धमकी देता रहता था. मेरे माता-पिता का देहांत हो चुका है. शिखा का दावा है कि हेतराम पहले से दो पत्नियों को छोड़ चुका है. यह लड़की और पैसे के लिए कुछ भी कर सकता है.
इनका कहना
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि थाना फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस ने वांछित अभियुक्त हेतराम मित्तल को टीबी अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया है. इसकी प्रेमिका को महेरा चुंगी और अन्य साथियों को भी मोर्चरी मुख्य गेट से गिरफ्तार किया गया है. जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है.