देहरादूनः उत्तराखंड की विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान सदन में सरकार विपक्ष के साथ यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चर्चा कर रही है. आज सत्र का तीसरा दिन है. संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने यूसीसी कानून का विस्तार से उल्लेख किया. विपक्ष के विधायकों ने कानून को लेकर अपनी-अपनी बातें रखी और कानून के गुण और दोष पर चर्चा की. एक तरफ सदन में विपक्ष यूसीसी को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करता रहा, दूसरी तरफ विधानसभा से महज 200 कदम की दूरी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के यहां ईडी की छापेमारी चल रही थी.
बुधवार सुबह लगभग 7 बजे ईडी की टीम ने हरक सिंह रावत के देहरादून स्थित डिफेंस कॉलोनी आवास समेत कई ठिकानों पर छापेमारी करने पहुंची. तीन गाड़ियों से पहुंचे ईडी के अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान ना तो किसी को घर से बाहर निकलने दिया और ना ही किसी को उनसे मिलने दिया. सब कुछ इतनी जल्दबाजी में हुआ कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला. हरक सिंह रावत के साथ ही हरिद्वार स्थित पूर्व आईएफएस अधिकारी किशनचंद के घर और आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई. अलग-अलग टीमों में लगभग 35 ईडी के अधिकारी बताए जा रहे हैं जो छापेमारी को अंजाम दे रहे हैं.
सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो तब भी कांग्रेस विधायकों को हरक सिंह रावत के आवास पर ईडी की रेड की जानकारी नहीं थी. जानकारी लगी तो विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष भुवन चंद्र कापड़ी समेत कई कांग्रेस विधायक, हरक सिंह रावत के आवास पर पहुंचे. लेकिन किसी को भी आवास के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया.
भुवन कापड़ी ने कहा कि यह छापेमारी हरक सिंह रावत के ऊपर नहीं बल्कि पूरे विपक्ष को दबाने के लिए की जा रही है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार चाहती हैं कि कोई भी उनके खिलाफ आवाज ना उठाए और जो भी ऐसा कर रहा है उसके खिलाफ इसी तरह की छापेमारी की जा रही है. कापड़ी ने कहा, भाजपा चाहती है कि देश में अकेले सत्ता में रहे. कोई उनका विरोध न करे. वहीं, प्रीतम सिंह ने इस छापेमारी को लोकतंत्र की हत्या बताया है.