हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी में आठ फरवरी गुरुवार को भड़की हिंसा की आग अब धीरे-धीरे ठंडी होने लगी है. शहर में हालात पहले की तरह सामान्य होने लगे हैं. कुछ इलाकों में पुलिस ने कर्फ्यू हटा दिया है. हालांकि बनभूलपुरा थाना क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है. वहीं अब पुलिस ने उपद्रवियों पर भी कार्रवाई करनी शुरू कर दी है, जिसकी जानकारी खुद नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने दी.
हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड
हल्द्वानी हिंसा का सूत्रधार यानी मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसका बेटे को माना जा रहा है. जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, सपा नेता मतीन सिद्दीकी के भाई जावेद सिद्दीकी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन लोगों पर हिंसा भड़काने का आरोप है. पुलिस का कहना है कि ये लोग हिंसक भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे.
पांच हजार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि हल्द्वानी हिंसा में अभीतक पुलिस की तरफ से तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं. 19 नामजद समेत पांच हजार लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. 19 नामजद में से पांच को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है. साथ ही उन्होंने बताया कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में भड़की हिंसा को काबू में करने के लिए मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद गोली चलानी पड़ी थी.
अब्दुल मलिक पर हिंसा भड़काने का आरोप
पुलिस का कहना है कि मलिक के बगीचे में अवैध निर्माण अब्दुल मलिक ने ही किया था. पुलिस के अनुसार गुरुवार 8 फरवरी शाम को जब प्रशासन और हल्द्वानी नगर निगम की टीम अवैध निर्माण को गिराने गई तब अब्दुल मलिक ने ही इसका विरोध किया था, जिसके बाद लोग उग्र हो गए और उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिस-प्रशासन और हल्द्वानी नगर निगम की टीम पर हमला बोल दिया था. इसीलिए इस मामले के शुरुआती सूत्रधार अब्दुल मलिक और उसके बेटे को ही माना जा रहा है.
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए
पुलिस ने बताया कि अब्दुल मलिक और उसके बेटे समेत 19 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस इलाके में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, उन फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को चिन्हित किया जा रहा है. इसके अलावा मीडिया के कुछ फुटेज भी पुलिस को मिले हैं, जिनको भी देखा जा रहा है. कई उपद्रवी अंडरग्राउंड हैं, जिसकी तलाश की जा रही है.
आठ फरवरी को क्यों हिंसा की आग में जला था हल्द्वानी
दरअसल, आठ फरवरी गुरुवार शाम को जिला प्रशासन और हल्द्वानी नगर निगम की टीम बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में ‘मलिक का बगीचा’ इलाके में अवैध मदरसा और अवैध नमाज स्थल तोड़ने पहुंची थी. जैसे ही टीम ने अवैध इमरात को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की तो वहां मौजूद लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया.
पुलिस का कहना है कि उन्होंने लोगों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वहां मौजूद लोग पुलिस की सुनने को तैयार ही नहीं थे. इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस-प्रशासन और नगर निगम की टीम पर हमला कर दिया. साथ ही चारों तरफ से पुलिस पर पथराव भी किया गया, जिसके बाद वहां हालात बेकाबू हो गए.
देर शाम तक हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण के बाहर हो गई थी. उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला करने के साथ वाहनों ने आग लगनी शुरू कर दी थी. उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने में भी आग लगाने का प्रयास किया था. उपद्रवियों ने थाने के बाहर खड़े वाहनों में भी आग लगा दी थी.
हल्द्वानी हिंसा में अभीतक पांच लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कई लोगों की हालात गंभीर बनी हुई है. 100 पुलिसकर्मियों समेत 300 से ज्यादा लोग हल्द्वानी हिंसा में चोटिल हुए थे. फिलहाल हल्द्वानी में स्थिति नियंत्रण में है. बनभूलपुरा थाना क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों को छोड़कर बाकी शहर के हिस्सों से कर्फ्यू हटा दिया गया है. हालांकि वहां धारा 144 लागू रहेगी.