हल्द्वानी : शहर के मल्ला गोरखपुर में 23 दिनों से लग रही रहस्यमयी आग अब तक नहीं बुझ सकी है। यह आग कैसे लग रही है, काफी कोशिश के बाद भी इसका पता नहीं चल पाया है। प्रशासन ने भी इसकी जांच कराई, मगर अब तक यह आग रहस्य ही बना हुआ है। इसने जहां पूरे शहर को हैरत में डाल दिया है, वहीं घर में रह रहे लोगों ने घर ही खाली कर दिया है और किराए का कमरे लेकर रहने लगे हैं। अब कमिश्नर भी इस रहस्यमयी आग को देखने पहुंचे।
आठ नवंबर को पहली बार लगी थी आग
घर में आग लगने की शुरुआत आठ नवंबर को हुई थी, जब बिजली का बोर्ड अचानक से धधक उठा। किसी तरह बिजली काटी गई और आग बुझाई गई। मगर अगले ही दिन फिर यह आग घर के दूसरे हिस्से में धधक उठी। इस पर सभी को लगा कि शॉर्ट सर्किट के कारण ऐसा हो रहा होगा, जिसके बाद इलेक्ट्रिशियन को बुलाकर लाइन चेक कराई गई, मगर कहीं कोई खामी नहीं निकली। आग लगना बंद नहीं हुआ तो घर का बिजली कनेक्शन भी काट दिया गया। इसके बाद भी रोज आग धधकती रही।
बिजली कनेक्शन काटा, मगर नहीं बुझी आग
मकान मल्ला गोरखपुर निवासी कमल पांडे का है। उन्होंने बताया कि 1951 में 1600 स्क्वायर फीट में यह मकान बनवाया था। परिवार में छोटा भाई समेत नौ सदस्य रहते हैं। आठ नवंबर की शाम सात बजे उसके घर में बिजली के बोर्ड में आग लग गई थी। इस आग को स्वजनों की सूझबूझ से बुझा लिया गया था। इलेक्ट्रीशियन को बुलाकर बोर्ड सही करवाया। मगर अगले ही दिन शौचालय में लगे बिजली के बोर्ड में आग लग गई। उन्होंने बताया कि दो बार लगी आग से परिवार वालों को फाल्ट होने का शक हुआ। इस पर मीटर से बिजली कनेक्शन भी काट दिया गया। इससे पूरे घर की बिजली तो गायब हो गई, मगर आग नहीं। इसके बाद भी बेड में बने कबड़ में रखे कपड़े, अलमारी के अंदर, कूलर, मंदिर व बिस्तर में आग लग चुकी है।
परिवार ने पूजा-पाठ भी करवाया
रहस्यमयी आग से परेशान घर वाले दहशत में हैं। परिवार ने बुजुर्ग व बच्चों को घर के सामने दो कमरे किराए पर लेकर शिफ्ट कर दिया है, जबकि कमल और उसके भाई रखवाली करने के लिए घर के बाहर सो रहे हैं। घर में लग रही आग से सामान भी हटा दिया गया है। परिवार इस संबंध में देवी-देवताओं की पूजा करवा चुका है।
चर्चा बनी आग तो पहुंचीं सिटी मजिस्ट्रेट
धीरे-धीरे यह आग शहर में चर्चा का विषय बन गई। अधिकारियों तक भी बात पहुंची तो सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह भी पुलिस घर का निरीक्षण करने पहुंंच गई। तब उन्होंने कहा था कि मामले की वैज्ञानिक तरीके से जांच कराई जाएगी।
अब कमिश्नर भी पहुंचे
इधर जब आग लगना बंद नहीं हुआ तो अब कमिश्नर दीपक रावत भी घर की स्थिति और कारण जानने पहुंच गए। उन्होंने आग से जली सामग्री की फारेंसिक जांच कराने के साथ ही यूपीसीएल के अभियंताओं को घर के बिजली तारों की जांच के निर्देश दिए हैं। कमिश्नर ने भवन स्वामी को घर के अंदर कैमरा लगाने के भी निर्देश दिए। साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह को कहा कि आग से नष्ट सामग्री को एकत्र कर फारेंसिक जांच के लिए भेजा जाए, जिससे आग लगने के कारणों का पता चल सके। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता को सीवर टैंक की सफाई करवाने और ऊर्जा निगम के अधिकारियों को विद्युत आपूर्ति लाइन की जांच कराने के भी निर्देश दिए।