नई दिल्ली: यूनाइटेड किंगडम में 100 से अधिक कंपनियों ने चार दिन काम करने वाली संस्कृति पर अपनी सहमति जताई है. यानि हफ्ते में चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी. अभी तक दुनिया के अधिकतर देशों में फाइव डे वर्क कल्चर है. लेकिन लोगों को इसमें भी अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में सामंजस्य बैठाने में मुश्किल हो रहा है. उसके बाद से ही पूरी दुनिया में ‘फोर डे वर्किंग’ कल्चर पर बात हो रही है. अब जाकर यूके की 100 कंपनियों ने इसे लागू करने पर सहमति जताई है. साथ ही कंपनियों ने इस बात पर भी सहमति जताई है कि इस दौरान कर्मचारियों के वेतन में भी कोई कटौती नहीं की जाएगी. यानि कर्मचारियों को चार दिन काम करने पर भी उतना ही वेतन मिलेगा.
🚨 A hundred UK companies switch to four-day working week with no pay cut https://t.co/aK2Kfk3Sw6
— The Independent (@Independent) November 28, 2022
कर्मचारियों की बढ़ेगी प्रोडक्टिविटी
इन सौ कंपनियों में लगभग 2500 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. कंपनियों का मानना है कि हफ्ते में चार दिन वर्किंग कल्चर से देश में परिवर्तनकारी बदलाव होंगे. इससे कर्मचारी मानसिक रूप से मजबूत रहेंगे और काम में अपना शत-प्रतिशत देंगे. इन सौ कंपनियों में दो बड़ी कंपनी एटम बैंक और ग्लोबल मार्केटिंग कंपनी एविन भी शामिल हैं. दोनों कंपनियों में 450 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए एविन के सीईओ एडम रॉस ने कहा, ‘नए पैटर्न को हम इतिहास के सबसे क्रांतिकारी पहले के रूप में देख रहे हैं. इससे कंज्यूमर सर्विस बेहतर होगी और कर्मचारियों पर कम बोझ डाले बिना उनके प्रतिभा को निखारा जा सकता है.’
साल 2019 में मशहुर टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने भी ‘फोर डे वर्किंग कल्चर’ को जापान में अपनाया था. बाद में कंपनी ने इसे सफल बताया था और कहा था कि ‘फोर डे वर्किंग’ कल्चर से कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी भी बढ़ी और कर्मचारियों के छुट्टी लेने की दर में भी एक चौथाई गिरावट आई थी. इसके अलावा फ्रांस, न्यूजीलैंड की कई कंपनियों ने भी ‘फोर डे वर्किंग कल्चर’ को अपनाया था.
दुनिया की कई और कंपनियां भी ‘फोर डे वर्किंग’ कल्चर पर विचार कर रही है. इन कंपनियों में 3000 से अधिक लोग काम कर रहे हैं. सितंबर में इन कंपनियों द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि ‘फोर डे वर्किंग’ कल्चर कंपनी के लिए फायदेमंद है और कर्मचारी अच्छा काम कर रहे हैं.
‘फोर डे वर्किंग’ कल्चर पर काम ब्रिटेन में 6 महीने पहले ही लगभग 60 कंपनियों द्वारा शुरू किया गया था. यह वर्किंग कल्चर को लेकर अब तक दुनिया के सबसे बड़े पायलट प्रोजेक्ट में से एक था. इसमें ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता भी शामिल हुए थे.
भारत में सबसे अधिक काम लेती हैं कंपनियां
पूरी दुनिया में अपने कर्मचारियों से काम करवाने में भारत दूसरे स्थान पर है. गाम्बिया पहले स्थान पर है. भारत में एक कर्मचारी औसतन हफ्ते में 50 घंटे अपनी कंपनी के लिए काम करता है. पाकिस्तान और बांग्लादेश की स्थिति भारत से थोड़ी बेहतर है. यहां हफ्तें में कर्मचारियों को औसतन 47 घंटे काम करवाया जाता है.
हालांकि, भारत में भी फोर डे वर्किंग कल्चर पर बात हो रही है. लेकिन भारत में वर्किंग शिफ्ट को बढ़ाने की बात चल रही है. भारत में फोर डे वर्किंग कल्चर आने के बाद कर्मचारियों को एक दिन में कम से कम 12 घंटे काम करने पर सकते हैं.