नासिक: एक दिल दहला देने वाली खबर है. महाराष्ट्र के नासिक शहर के अंबड सिडको परिसर के चुंचाले के पास एक पानी की टंकी है. इस पानी की टंकी के कचरे के पास ढेर सारे आवारा कुत्ते जमे हुए थे. आस-पास से गुजर रहे लोगों के लिए यह रोज दिखाई देने जैसी तस्वीर नहीं थी. कुत्तों की संख्या रोज से कहीं ज्यादा थी और सब एक झुंड में थे. कुछ लोग जब पास पहुंचे तो उनकी आंखें खुली रह गईं. एक दिन की बच्ची कचरे के ढेर में फेंकी हुई पड़ी थी और कुत्ते उसका शरीर नोंच रहे थे. जमा हुई भीड़ ने कुत्तों को भगाया और अंबड पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना दी. मंगलवार को पुलिस सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची. पंचनामा करते वक्त पुलिसवालों की आंखों में भी आंसू थे. कोई मां-बाप अपने ही जन्म दिए गए संतान को ऐसे कैसे फेंक सकते हैं? यह सवाल मन में गूंज रहा था. आस-पास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई तो दिल दहल जाने वाले दृश्य सामने आए.
वो बेटी के रूप में जन्मी थी, इसमें उसका क्या दोष था?
सोमवार की आधी रात को बच्ची का जन्म हुआ था. वो बेटी के रूप में जन्मी थी, इसमें उसका कोई दोष नहीं था. कुछ ही घंटे की जब वो थी तो उसके मां-बाप ने बेटी होने की वजह से पॉलीथीन बैग में उसे भरा और चलते हुए पानी टंकी के पास सड़क किनारे कच्चे में फेंक दिया.कड़ाके की ठंड में वो बच्ची रोती रही. तभी गली के आवारा कुत्ते वहां पहुंचे. उन्होंने बच्ची के हाथ और पैर नोचने लगे. असहनीय पीड़ा को सहते हुए फिर बच्ची की मौत हो गई. यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई.
जब बच्ची को फेंका होगा, उसने जरूर कराहा होगा…दिल नहीं पसीजा?
स्थानीय लोगों को जानकारी मिलते ही पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने बच्ची को जिला अस्पताल पहुंचाया. लेकिन इलाज से पहले ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस के हाथ सीसीटीवी फुटेज लग गया है. अंबड पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी को पकड़ने की कोशिशें तेज कर दी हैं. स्थानीय लोग यह सोच-सोच कर हैरान हैं कि उस छोटी सी बच्ची को जब उसके मां-बाप ने फेंका होगा, तो उसने जरूर कराहा होगा. वो मां-बाप कैसे हैं, जिनका तब दिल नहीं पसीजा होगा.