नई दिल्ली: कांग्रेस से जुड़े खातों को फ्रीज कर दिया गया है. पार्टी के सीनियर नेता अजय माकन ने दावा किया है कि ना ही कर्मचारियों की सैलरी निकाल पा रहे हैं और ना बिलों का भुगतान कर पा रहे हैं. माकन का कहना है कांग्रेस के साथ-साथ यूथ कांग्रेस के अकाउंट भी फ्रीज कर दिए गए हैं. अजय माकन ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी है.
अजय माकन ने कहा,’कांग्रेस पार्टी के अकाउंट्स फ्रिज हो गए हैं. देश पर तालाबंदी हो गई है. डेमोक्रेसी फ्रिज हो गई है. लोकसभा चुनाव के ऐलान को कुछ हफ्ते ही रह गए हैं, ऐसे में यह कदम उठाकर सरकार क्या साबित करना चाहती है. देश की प्रमुख पार्टी के अकाउंट्स फ्रीज कर दिए गए हैं. इनकम टैक्स विभाग ने 210 करोड़ रुपए की रिकवरी मांगी है.
बैंक खाते तो BJP के फ्रीज होने चाहिए, क्योंकि जो असंवैधानिक कॉर्पोरेट बांड उन्होंने अपने खातों में डाल रखे हैं, सुप्रीम कोर्ट के अनुसार असंवैधानिक हैं।
हमारे खातों में कार्यकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन डोनेशन से जुटाया गया पैसा है। इसे इनकम टैक्स और मोदी सरकार कैसे फ्रीज कर सकती है।… pic.twitter.com/p5hmVURkWw
— Congress (@INCIndia) February 16, 2024
इनकम टैक्स की फाइलिंग से जुड़ा है मामला
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि 2018-19 के इनकम टैक्स फाइलिंग को आधार बनाकर करोड़ों रुपए की मांग की जा रही है. ये बड़े शर्म की बात है, लोकतंत्र की हत्या है. लोकसभा चुनाव से पहले हमारे अकाउंट फ्रिज कर दिए गए हैं. कांग्रेस पार्टी मेंबरशिप ड्राइव के जरिए यूथ कांग्रेस से पैसा इकट्ठा करती है और वो भी फ्रीज कर दिए गए हैं.
पार्टी बैंक से नहीं निकाल पा रही है पैसे
माकन ने कहा कि पार्टी को रिटर्न फाइल करने में देर हो गई थी. लेकिन 45 दिन का और टाइम दिया गया था. इसका मतलब यह नहीं है कि खाता ही फ्रीज कर दिया जाए. उन्होंने आगे कहा कि सब कुछ प्रभावित हो गया है उनके पास बिजली का बिल भरने, सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं. बैंक में पैसे जमा नहीं कर पा रहे हैं. बैंक से पैसा भी नहीं निकाल पा रहे हैं.
कल ही इलेक्टोरल बॉन्ड पर आया फैसला
बता दें कि एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड की वैधता को असंवैधानिक बताते हुए उसे रद्द कर दिया था. सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा था कि इससे सूचना के अधिकार का उल्लंघन होता है. इसलिए इलेक्टोरल बॉन्ड को वैध नहीं माना जा सकता. इतना ही नहीं कोर्ट ने अब इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद पर रोक लगाते हुए एसबीआई से कहा था कि वह चुनाव आयोग को बॉन्ड का पूरा ब्योरा मुहैया कराए. कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी आदेश दिए थे कि वह ब्योरे को सार्वजनिक करे.