हल्द्वानी: उत्तराखंड में GST विभाग की कार्रवाई चर्चा में है. उधम सिंह नगर में विभाग ने राज्य की सबसे बड़ी एफआईआर (FIR) दर्ज की है. 58 दिन में लिखी गई ये FIR 3500 पेज की है. इसे लिखने में 7 अधिकारियों की कड़ी मेहनत लगी है. दरअसल, GST विभाग ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा कारोबार में 18 करोड़ की GST चोरी करने का मामला पकड़ा था, जिसके बाद से टैक्स चोरी करने वाले लोगो में हड़कंप मचा हुआ है.
बता दें कि उत्तराखंड GST विभाग लगातार GST चोरी करने वालों पर कार्रवाई करने में लगा हुआ है. इसी कड़ी में विभाग ने राज्य की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है, जिसमें टैक्स चोरी करने वाले की गिरफ्तारी तो की ही गई, उसके साथ-साथ 3500 पेज की एफआईआर भी दर्ज की गई.
इस एफआईआर को GST विभाग के 7 अधिकारियों ने मिलकर लगभग 2 महीने में लिखा है. इसे उत्तराखंड की सबसे बड़ी एफआईआर माना जा रहा है. इसको लेकर क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है.
गौरतलब है कि GST विभाग ने उधम सिंह नगर के जसपुर में 100 करोड़ से ज्यादा के कारोबार पर टैक्स चोरी करने वाले को दबोचने में सफलता हासिल की थी. बीते साल मार्च में राज्य कर विभाग की विशेष टीम ने जसपुर के लकड़ी करोबारियों के 27 प्रतिष्ठानों, आवास, ट्रांसपोटर्स, अधिवक्ताओं और सीए के दफ्तरों पर एक साथ छापेमारी की थी. इसमें लगभग 100 करोड़ के टर्नओवर पर 18 करोड़ की जीएसटी की चोरी पकड़ी गई थी.
मामले में मुख्य आरोपी शाहनवाज हुसैन अपने घर से फरार पाया गया था. शाहनवाज के घर को मार्च में ही सील कर दिया गया था. तलाशी में घर में विभिन्न फर्मों के बिल, ई-वे बिल, बैंक पासबुक, चेक, एटीएम कार्ड, मोहरें, कांटा पर्चियां, मोबाइल फोनबुक आदि अभिलेख प्राप्त हुए थे. तथा कुछ फर्मों के बोर्ड भी पाए गए थे.
इसके अलावा अन्य जगहों से बड़ी मात्रा में डिजिटल साक्ष्यों, मोबाइल फोन, लैपटॉप, सिम कार्ड, हार्ड डिस्क, पैन ड्राइव, सीसीटीवी डाटा आदि बरामद किया गया था. इसके 7 महीने बाद जाकर टैक्स चोरी करने वाले शाहनवाज हुसैन को पकड़ लिया गया था. जिसको लेकर 58 दिन में लिखी जाने वाली सबसे बड़ी एफआईआर (3500 पेज) दर्ज हुई है.
जीएसटी आयुक्त (कुमाऊ) राकेश वर्मा ने बताया कि राज्य कर विभाग टैक्स देने वाले लोगों को एक और जहां प्रोत्साहित कर रहा है, वहीं दूसरी ओर कर चोरी करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई भी की जा रही है. जीएसटी चोरी करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए विभाग पूरी तरह प्रतिबद्ध है. इसी क्रम में उत्तराखंड की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है. जहां 3500 पेज की लिखी गई है.